-चिलुआताल एरिया में जवान के घर पर मनबढ़ों ने किया पथराव

-परिजनों का आरोप-नेताओं के दबाव में जवान पर ही पुलिस ने कर दी कार्रवाई

GORAKHPUR: देश में एक तरफ जहां सेना के नाम पर सियासत हो रही है तो दूसरी तरफ जवान को ही कुछ दबंग टारगेट कर प्रताडि़त कर रहे हैं। गोरखपुर में सेना के जवानों और उनके परिजनों संग दु‌र्व्यवहार की लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं और पुलिस दबाव का बहाना बनाकर उनकी मदद नहीं कर रही है। ताजा मामला चिलुआताल एरिया के जवान के घर पर मनबढ़ों द्वारा पथराव करने का है। आरोप है कि उल्टा जिले में कानून का पालन करने और लोगों की हिफाजत करने का दावा करने वाली पुलिस ने पथराव में घायल जवान को ही शांति भंग में पाबंद कर चालान कर दिया। सीआरपीएफ जवान 24 घंटे लाकप में रहा। उनके परिजनों का मान मनौव्वल कर पुलिस दुहाई देती रही कि बड़ा दबाव है। इसलिए शांति भंग में कार्रवाई करनी पड़ेगी।

वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज के पास रिटायर्ड कर्नल की जमीन पर मनबढ़ों ने जबरन भूमि कब्जा करने का प्रयास किया। पीडि़त लोगों का कहना है कि नेताओं और अन्य लोगों के दबाव में आकर लोकल पुलिस कार्रवाई नहीं करती। चिलुआताल की घटना से लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि लोकल पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से जवान और उनके परिवार के लोगों का भरोसा टूटा है।

नेताओं के दबाव में जवान को उठाया

बरगदवां मोहल्ला निवासी मन्नूृलाल सीआरपीएफ में कांस्टेबल हैं। उनकी तैनाती लखनऊ में है। कुछ दिन पूर्व वह घर पर छुट्टी पर आए थे। मोहल्ले के एक परिवार के लोगों से जवान के भतीजे की कहासुनी हो गई थी। शनिवार को इस बात की जानकारी होने पर सैनिक ने अपने भतीजे को डांटा फटकारा। डांट सुनने पर उनका भतीजा उलाहना लेकर पड़ोसी के घर चला गया। आरोपी पड़ोसियों ने उनके भतीजे को पीटना शुरू कर दिया। बीच-बचाव करने पहुंचे मन्नूलाल का सिर फोड़ दिया। मनबढ़ों ने जवान का घर घेरकर पथराव शुरू कर दिया। इसकी सूचना जवान ने पुलिस को दी। फोर्स के पहुंचने पर मनबढ़ वहां से हटे। इस दौरान दहशत में आकर जवान की फैमिली घंटों घर में कैद रही। लेकिन आरोपियों की तरफ से कुछ नेताओं के दबाव में आकर चिलुआताल पुलिस ने सैनिक और उनके दो रिश्तेदारों को थाने में लाकर बिठा दिया।

आरोप है कि थाने में जुटे नेताओं ने सैनिक को जेल भेजने का दबाव बनाया। रविवार को मामला वायरल होने पर एसओ ने सैनिक के खिलाफ शांति भंग की कार्रवाई कर दी। हालांकि पुलिस ने लिखा-पढ़ी में इस बात का पूरा ख्याल रखा कि जांच में मामला न फंसे। इसलिए जवान को शनिवार के बजाय रविवार को हिरासत में लिया जाना दिखाया गया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने दबाव में आकर जवान और उनके रिश्तेदारों को प्रताडि़त किया। पीडि़त पक्ष ने पुलिस अधिकारियों को पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि थानेदारी बचे रहने की बात कहकर एक तरफा कार्रवाई में एसओ जुटे रहे।

रिटायर्ड कर्नल की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश

रिटायर कर्नल गोरखनाथ सिंह की भूमि इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खोराबार क्षेत्र में है। रविवार सुबह उस भूमि पर अवैध कब्जा करने की कोशिश मनबढ़ों ने की। इसकी जानकारी होने पर कर्नल ने पुलिस अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। पुलिस के हरकत में आने पर मनबढ़ पीछे हटे। रिटायर कर्नल औरेया जिले में कार्यरत हैं। निर्माण कार्य के लिए उन्होंने भूमि ख्ारीदी थी।

पहले भी होते रहे हमले

05 जनवरी 2019: इंजीनियरिंग कॉलेज के पास खोराबार एरिया में रिटायर कर्नल की भूमि पर जबरन कब्जा करने की केाशिश।

04 जनवरी 2019: चिलुआताल एरिया के बरगदवां में सीआरपीएफ जवान के घर पर धावा बोला, मारपीट करके घायल कर दिया।

09 अगस्त 2019: तरकुलहा मेले में जवान के साथ मारपीट, हमला बोलकर मनबढ़ों ने सिर फोड़ दिया। मनबढ़ों ने जवान की पिस्टल भ्ाी छीन ली।

01 जून 2019: झंगहा एरिया के सरार मझगांवा में बीएसएसफ जवान सुनील चौधरी सहित अन्य लोगों पर हमला, जवान औन अन्य घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया गया।

सीआरपीएफ जवान के साथ मारपीट में घायल दूसरे पक्ष के लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जवान को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया है। किसी तरह के दबाव की बात बिल्कुल गलत है।

सूर्यभान सिंह, एसओ, चिलुआताल

Posted By: Inextlive