- दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की ओर से 'गर्मी लगी क्या' इवेंट का हुआ आयोजन

- महिला दिवस के अवसर पर छात्राओं ने बेबाकी से रखी अपनी बात

GORAKHPUR: सरकारी और निजी सेवा का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां महिलाएं पुरुषों की बराबरी न कर रही हों, लेकिन जब बात सेफ्टी और सिक्योरिटी की आती है तो वे खुद को बेबस और लाचार महसूस करती हैं। ये बातें इंटरनेशनल वूमंस डे के मौके पर दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट के इवेंट 'गर्मी लगी क्या' के तहत आयोजित महिलाओं की चर्चा में सामने आईं। चर्चा में प्रतिभाग कर रही महिलाओं ने सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर कई गंभीर सवाल भी उठाए।

टाइम - सुबह 10 बजे

प्लेस - स्प्रिंगर लोरेटो ग‌र्ल्स स्कूल, सिविल लाइंस

दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम बुधवार को स्प्रिंगर लोरेटो ग‌र्ल्स स्कूल पहुंची तो ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स और टीचर्स की ओर से वूमेंस सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर चर्चा शुरू हो गई। पहले से तैयार ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स बिना लाग लपेट के अपना पक्ष रखने लगी। स्टूडेंट शबा ने बताया कि हम सेफ्टी-सिक्योरिटी की चाहे जितनी भी बातें कर लें ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स स्कूल से छूटते समय अब भी काफी अनसेफ फील करती हैं। टीचर अनुपमा पांडेय ने कहा कि जब तक महिलाएं आत्म निर्भर के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस के लिए खुद को तैयार नहीं करेंगी। तब तक मनचलों के हौसले बुलंद रहेंगे। स्टूडेंट आयुषी, श्रृति ने कहा कि शोहदों को सबक सिखाने के साथ-साथ उन्हें अवेयर करनी जरूरत है। गर्मी लगी क्या के सफल आयोजन में स्कूल के डायरेक्टर विकास श्रीवास्तव व प्रिंसिपल रीमा श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा। चर्चा के बाद नाईसिल की तरफ से दिव्या श्रीवास्तव मैडम को गिफ्ट दिया गया।

कोट्स

हमें खुद को आत्म निर्भर बनाने के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस के लिए मजबूत होना होगा। जब तक महिलाएं एकजुट होकर समाज की बुराइयों से लड़ेंगी नहीं तब तक बेचारी और लाचार ही कहलाती रहेंगी। हमें खुद को आत्म निर्भर बनना होगा।

दिव्या श्रीवास्तव, मैडम

महिलाओं के प्रति लोगों को अपनी मेंटाल्टिी बदलनी होगी। कई बार हमने देखा है कि पैरेंट्स लड़कियों और लड़कों में भेदभाव करते हैं। जबकि दोनों को समान नजरिए से देखा जाना चाहिए। आज की डेट में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों की बराबरी कर रही हैं।

आशिता शाही, स्टूडेंट

टाइम - दोपहर 01 बजे

प्लेस - एनएसएस, डीडीयूजीयू कैंपस

दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट की टीम बुधवार की दोपहर दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी कैंपस के एनएसए आफिस पहुंची। वहां 25-30 की संख्या में यूजी और पीजी की छात्राएं एकत्र थीं। दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने छात्राओं से महिला विषयों पर चर्चा की तो वे महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को लेकर खुलकर बोलने लगीं। छात्रा आस्था सिंह ने कहां कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से 1090 के साथ-साथ तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इन सब के बाद भी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। तान्या चौधरी ने बताया कि उनकी सहेली को मार्केट जाते समय एक मनचले ने छेड़ दिया। उसने अपने पैरेंट्स को इस बात की जानकारी दी। पैरेंट्स ने उसकी मदद करने के बजाय उसके कोचिंग जाने पर ही प्रतिबंध लगा दिया। सुरभि चौधरी ने बताया कि वह कहीं जा रही थी। एक लड़के ने उन पर फब्तियां कसी तो उन्होंने वहीं मौके पर उसकी जमकर धुनाई कर दी। नाईसिल की तरफ से छात्रा निष्ठा मिश्रा को गिफ्ट दिया गया। वहीं इस इवेंट के आयोजन में एनएसएस को-आर्डिनेटर प्रो। अजय कुमार शुक्ला का विशेष सहयोग रहा।

कोट्स

महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक भाई और पिता को आगे आना होगा। किसी भी महिला के साथ छेड़छाड़ होने पर आसपास के सभी लोगों को विरोध करना चाहिए, जिससे हर गली और सड़क पर महिलाएं खुद को ताकतवर महसूस करें्।

निष्ठा मिश्रा, स्टूडेंट, डीडीयूजीयू

महिला सशक्तिकरण को लेकर हर तरफ चर्चाएं होती है। स्कूल हो या कालेज, हर जगह महिलाओं के आत्म सम्मान की रक्षा और आत्मनिर्भर बनाए जाने के वादे किए जाते हैं, लेकिन इसको फालो कोई नहीं करता। तमाम कानूनों और 1090 की सुविधा के बाद भी ईव-टीजिंग की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।

समृद्धि चौरसिया, स्टूडेंट, डीडीयूजीयू

टाइम - दोपहर 03 बजे

प्लेस - यामिनी कल्चरल इंस्टीट्यूट, चारफाटक रोड

दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट टीम की दोपहर में यामिनी कल्चरल इंस्टीट्यूट पहुंची तो महिलाओं में 'गर्मी लगी क्या' इवेंट में शामिल होने के लिए काफी एक्साइटेड था। टीचर गुरुचंद्र कौर ने कहा कि बेटी के घर से बाहर जाने पर दिल में डर बना रहता है। छात्रा संध्या ने कहा कि महिला को अपनी सेफ्टी एंड सिक्योरिटी को लेकर खुद जागरूक रहना होगा। अपने बच्चों के साथ दोस्ताना रवैया अपनाना होगा। अगर बेटी है तो उसकी हर समस्या को गंभीरता से सुनने के साथ उसका समाधान करना होगा। स्टूडेंट शिवानी ने कहा कि लड़कियां कहीं भी सेफ नहीं हैं, चाहे स्कूल हो या फिर बाजार, हमें अपनी रक्षा खुद ही करनी होगी। शशी मिश्रा ने बीच में टोकते कहा कि हम महिलाओं को अब एकजुट होने की जरूरत है। कुमुद साहनी ने कहा माता पिता को लड़का-लड़की में भेदभाव नहीं करना चाहिए।

कोट्स

सरकार की ओर से महिलाओं के लिए चलाया जा रहा 1090 हेल्प लाइन नंबर काफी मददगार है, लेकिन यह सेवा गांवों में अभी ठीक से नहीं मिल रही है। सेवा का विस्तार गांव तक किया जाना जरूरी है। इससे ग्रामीण महिलाएं भी इसका लाभ ले सकेंगी।

सीमा सिंह, प्रोफेशनल

इस दौर में भी महिलाएं काफी असुरक्षित है। मेरे पास बेटी है, वह जब तक घर नहीं आ जाती है तब तक मैं खुद भी डरती हूं। स्कूली आटो या फिर बस हो। ड्राइवर छात्राओं को अपनी सीट के बगल में बैठा लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। प्रशासन को ऐसे आटो या बस ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा पैरेंट्स को भी इस बात का ध्यान देना चाहिए कि वह अपने बेटी को इस बात के लिए कहें कि वह आटो ड्राइवर के बगल में बैठने के बजाय पीछे की सीट पर बैठे।

गीता सिंह, डायरेक्टर, यामिनी कल्चरल इंस्टीयूट

इन बातों का रखें ख्याल

- स्कूल, कालेज या यूनिवर्सिटी से छूटते वक्त पैरेंट्स को जरूर बताएं

- बस या आटो में किसी प्रकार की घटना होने पर वूमेंस हेल्प लाइन नंबर 1090या फिर 100 नंबर कंप्लेंट करें

- पैरेंट्स के साथ हर बात को डेली शेयर करें।

- किसी भी प्रकार की घटना होने पर पैरेंट्स की मदद से उसकी शिकायत पुलिस में करें

- किसी तरह की घटना होने पर पैरंटस छात्राओं की मदद करें। पैरेंट्स छात्रा की पढ़ाई छुड़वाने के बजाय उसकी मदद करें।

- पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं के एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में पार्टिसपेट कराएं। जैसे- सिंगिंग, डांसिंग आदि

- को-एजुकेशन वाले स्कूल में किसी प्रकार की ईव-टीजिंग की घटना पर स्कूल प्रबंधन से कंप्लेंट करें उसके बाद पैरेंट्स को बताएं

- किसी भी वाहन में बैठने से पहले उसके गाड़ी का नंबर जरूर नोट करें।

- स्मार्ट स्टूडेंट्स के साथ-साथ पैरेंट्स को भी होना होगा हाईटेक

- बच्चों को फेसबुक, व्हाट्सअप जैसे इंटरनेट की सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ उन पर नजर रखनी चाहिए।

- बेटी पर बंदिशों से ज्यादा बेटों पर ध्यान रखें।

Posted By: Inextlive