-हेल्थ विभाग सोनोग्राफी सेंटर्स के खिलाफ कसेगा शिंकजा

-करीब 20 के खिलाफ केस, 22 का पंजीकरण निरस्त

-36 सेंटर्स हुए सील, 100 को नोटिस, हर तीन दिन में एक सेंटर्स की जांच का दावा

GORAKHPUR: केंद्र और प्रदेश सरकार शहर में अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर शिकंजा कसने के लिए कई योजनाएं ला चुकी है। हेल्थ डिपार्टमेंट अब इन योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए हरकत में आ गया है। वहीं अगर पिछले सात साल के कार्रवाई पर गौर किया जाए तो हेल्थ डिपार्टमेंट ने अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर छापेमारी के दौरान सिर्फ 20 पर केस दर्ज कराया और 36 सेंटर्स पर सील की कार्रवाई की है। जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि पीसीपीएनडीटी एक्स के तहत औसतन हर तीन दिन में एक सेंटर की जांच की जा रही है। कमियां मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। यह सारी कवायद लिंग परीक्षण करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हो रही है। यह भी सुनिश्चत किया जा रहा है कि सेंटर पर कार्य करने वाले योग्य हैं या नहीं।

अप्रैल में 23 सेंटर्स का निरीक्षण

पीसीपीएनडी एक्ट -1994 के तहत जिले में कुल 223 रजिस्टर्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर्स हैं। जिसमें से पांच सरकारी हैं। इन सेंटर पर 253 फिक्सड एवं 15 पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन है। अप्रैल में कुल 23 सेंटर का निरीक्षण किया गया था। वहीं कुल 30 सेंटर की जांच की गई। बताते चलें कि हेल्थ विभाग की ओर से 2012 से सिटी व ग्रामीण एरियाज में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर अभियान के तहत टीम ने छापेमारी की। सात साल बीत जाने के बाद आकडे़ बतातें हैं कि हेल्थ विभाग की ओर से केवल 20 सेंटर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं 36 सेंटर्स में अनियमितता पाए जाने पर नोटिस जारी किए गए। साथ ही 22 सेंटर का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया। वहीं निरीक्षण में मिली कमियों को दूर करने के लिए करीब 100 सेंटर्स को नोटिस भी जारी की गई।

जिले में रजिस्टर्ड अल्ट्रासाउंड सेंटर्स--223

फिक्सड सेंटर---------253

पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन--15

सात साल में अल्ट्रासाउंड पर सील की कार्रवाई--36

सेंटर्स का रजिस्ट्रेशन निरस्त--22

अल्ट्रासाउंड सेंटर के खिलाफ मुकदमा--20

कमियों को दूर करने के लिए सेंटर्स को नोटिस--100

वर्जन

सिटी व रूरल एरिया में अल्ट्रासाउंड के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है। जिन सेंटर्स पर कमियां पाई जा रही है उन्हें दूर करने के लिए नोटिस दी गई हैं। अवैध चल रहे सेंटर्स पर केस दर्ज कराए गए हैं। कुछ का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया गया है। तीन दिन में एक सेंटर्स का निरीक्षण हो रहा है। कमियां मिलने पर कार्रवाई की जा रही है।

डॉ। एनके पांडेय, एसीएमओ

Posted By: Inextlive