- सिर्फ चाइना टच कर आने वाले पैसेंजर्स की डब्ल्यूएचओ कर रहा निगरानी

- चाइना के एयरपोर्ट से ही आने वाले पैसेंजर्स की निगरानी के लिए पहुंची टीम

- 14 नहीं अब 28 दिन तक कोरोना के सिंप्टम्स तलाशेगी टीम, इसके बाद हरी झंडी

केस 1

झारखंडी में वुहान सिटी से आए एक मेडिकल स्टूडेंट के आने की सूचना डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य महकमे को दी। यहां से विभागीय जिम्मेदार सीधे उस स्टूडेंट के घर पहुंचे और उसका स्वैग लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया, जहां रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद भी विभाग के लोग सिंप्टम्स के लिए निगरानी करते रहे। अब मेडिकल स्टूडेंट बिल्कुल ठीक है और विभाग ने भी फॉलोअप बंद कर दिया है।

केस 2

बेतियाहाता के रहने वाले एक पैथालॉजिस्ट चीन के रास्ते होते हुए गोरखपुर पहुंचे। वह सिर्फ एयरपोर्ट पर चंद घंटे रुके थे और बगैर शहर में गए वापस लौट आए। मगर आने के एक हफ्ते बाद डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंच गई और उनकी हेल्थ जांच करने लगी। सारी इनवेस्टिगेशन के बाद वह वापस लौटे और उनके टच में रहकर उनका फॉलोअप कर रहे हैं।

GORAKHPUR: यह दो केस एग्जामपल भर हैं, ऐसे ही शहर के दर्जनों केस सामने आ रहे हैं, जो डायरेक्ट चाइना से गोरखपुर लौटे हैं या रास्ते में उन्हें चाइना एयरपोर्ट पर उतरना पड़ा है। सभी की रिपोर्ट सीधा डब्ल्यूएचओ को हो रही है। वहां से लोकल बॉडी को इंफॉर्मेशन भेज कर पैसेंजर्स की कंप्लीट जांच कराई जा रही है। अब तक 58 पैसेंजर्स गोरखपुर आ चुके हैं और सभी का फ्रलोअप चल रहा है। चाइना में नोवेल कोरोनावायरस के बाद कोविड का मामला सामने आने पर सतर्कता और बढ़ा दी गई है और बजाए 14 दिन के अब मरीजों की निगरानी 28 दिनों तक की जा रही है।

41 की डब्ल्यूएचओ ने दी इंफॉर्मेशन

कोरोना वायरस की दशहत दुनिया भर में फैलने के बाद हाई अलर्ट है। सभी शहरों में सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग भी सभी एंट्री प्व्रइंट्स पर जिम्मेदारों की मदद से निगरानी में लगा हुआ है। गोरखपुर की बात करें तो करीब 17 लोगों को खुद हेल्थ महकमे ने प्व्रइंट आउट कर उनकी निगरानी शुरू की है। वहीं इस मामले में व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन भी पूरी तरह एक्टिव है और इंडिया से जुड़े जो भी केस चाइना के रास्ते पहुंच रहे हैं, उनकी रिपोर्ट लोकल बॉडीज को भेजी जा रही है। गोरखपुर में अब तक 41 पैसेंजर्स की डीटेल्स खुद डब्ल्यूएचओ ने हेल्थ महकमे तक पहुंचाई है। जिसका विभाग लगातार फॉलोअप कर रहा है और डेली रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ को भेजी जा रही है।

हेल्पलाइन नंबर 0551-2225145, 8005192660

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।

कैसे फैलता है?

- डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस जानवरों से ह्यूमनबींग में फैला है।

- माना जा रहा है कि 2019-सीओवी सीफूड यानि समुद्री जीव खाने से फैला था, लेकिन अब कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैल रहा है।

- यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।

- खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है।

- किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है।

कोरोना वायरस के लक्षण

- बुखार आना

- सिरदर्द

- नाक बहना

- खांसी

- गले में खराश

- फेफड़ों में सूजन

- छींक आना

- आंख-नाक से पानी

- हाथों पैरों में अकड़न

- सीवियर इंफेक्शन से निमोनिया

- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम

- किडनी फेल्योर

क्या करें

- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें और हाईजीन मेनटेन रखें।

- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।

- जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।

- बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को न छूएं।

- मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं।

- सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं।

- ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं।

वर्जन

डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस से जुड़े केस की लगातार निगरानी कर रहा है। जिन लोगों का भी चाइना से कोई भी टच रहा है, उनका स्वास्थ्य विभाग की मदद से फॉलोअप किया जा रहा है। वहीं जिन्होंने वुहान को टच किया है, उनका सैंपल जांच के लिए भेज जा रहा है। अब तक डब्ल्यूएचओ के बताए 41 और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिन्हित 17 केस की रेग्युलर निगरानी की जा रही है। हर पेशेंट की अब 28 दिन निगरानी के निर्देश मिले हैं।

- डॉ। आईवी विश्वकर्मा, एसीएमओ

Posted By: Inextlive