- स्मगलिंग के लिए हब बनता जा रहा है गोरखपुर शहर

- नेपाल से नजदीकी होने का तस्करों को मिलता फायदा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

गोरखपुर शहर तस्करों के लिए एक अहम ट्रांजिट प्वाइंट है। नेपाल करीब होने से इस रास्ते से हर तरह की तस्करी होती है। लोकल पुलिस, एसटीएफ सहित अन्य टीमें आए दिन किसी न किसी चीज की बरामदगी करती हैं। ऐसा नहीं है कि तस्करों के पास से बरामद होने वाली चीजें मामूली होती हैं। बल्कि उनकी कीमत इंटरनेशनल मार्कट में खूब होती है। डिमांड को देखते हुए सप्लाई भी खूब होती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के इनविस्टेशन में सामने आया कि सोने से लेकर पक्षियों की तस्करी के लिए गोरखपुर शहर स्मलिंग डेस्टीनेशन बन गया है।

12 सौ से अधिक तोतों की बरामदगी

शहर के भीतर तोते की तस्करी होती है। यह जानकारी लोगों को हैरानी तब हुई जब एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने लगातार दो दिनों तक तोतों की खेप पकड़ी। राजघाट एरिया के रायगंज मोहल्ले में रहने वाली महिला के इशारे पर तस्करों का गैंग लग्जरी कार में तोते भरकर बेचने जा रहा था। 15 नवंबर को सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने गैंग के दबोचकर तोते बरामद कर लिए। दूसरे दिन भी टीम ने गैंग के सदस्यों के पास से सात सौ तोते बरामद किए।

इन चीजों की होती तस्करी

गोरखपुर के रास्ते हरियाणा और पंजाब की शराब की तस्करी सामान्य है।

शहर के आसपास एरिया से पशुओं की तस्करी करके बंगाल ले जाया जाता है।

साहबगंज मंडी में विदेशी मटर की भारी मात्रा में बरामदगी कई बार हो चुकी है।

चरस और गंाजा आए दिन बार्डर पर बरामद होता है। करोड़ों रुपए का माल पकड़ा जा चुका है।

गोरखपुर के रास्ते मानव तस्करी के मामले सामने आ चुके हैं। ह्यूमन ट्रैफिकिंग भी पकड़ी जा चुकी है।

रेलवे स्टेशन पर एसटीएफ ने लाखों रुपए का दो किलोग्राम मेथाक्यूलोन बरामद हो जाता है।

गोरखपुर के रास्ते नेपाल, बिहार और बंगाल सहित कई जगहों के लिए तोते की तस्करी पकड़ी गई।

फेस्टिवल सीजन में रेलवे स्टेशन पर बूंदी दाना, छेना, मिलावटी खोवा की बरामदगी बढ़ जाती है।

महिलाओं की पसंद की महंगी सिगरेट भी गोरखपुर में तस्करी लेकर आई जाती है। 90 लाख की सिगरेट बरामद हुई।

गोरखपुर से होकर नेपाल जा रहा नौ लाख रुपए का मोबाइल भी जांच टीम के अधिकारी पकड़ चुके हैं।

कनाडा की मटर, पाकिस्तानी छुहारा, लहसुन, काली मिर्च और दाल की बरामदगी कई बार हो चुकी है।

इसलिए आसान तस्करी की राह

इंडो नेपाल बार्डर पर खुली सीमा है। महराजगंज, सिद्धार्थनगर और बिहार बार्डर से सटे गोरखपुर के रास्ते आवागमन करने में तस्करों को आसानी होती है। नेपाल से भारत आने के तमाम रास्ते हैं। बिहार के रक्सौल सहित नेपाल के दूसरे बार्डर से तस्करी का माल लेकर करियर आसानी से निकल जाते हैं। ट्रेन, फोर व्हीलर, प्राइवेट टैक्सी सहित कई तरह के आवागमन की सुविधा होने की वजह से तस्करों के लिए गोरखपुर ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है। बार्डर से सटे इलाकों में तस्करों का रैकेट नेपाल से मसाले, कपड़े, ज्वेलरी, मादक पदार्थो, सेब, लहसुन सहित अन्य चीजों की तस्करी करता है। धीरे-धीरे सामान को बार्डर पार कराकर गैंग के मेंबर्स अपने निर्धारित जगह पर पहुंचा देते हैं।

हाल के दिनों में हुई बरामद

नवंबर 2019: तोता तस्करी गिरोह के सदस्य अरेस्ट, पांच सौ तोते बरामद। 15 नवंबर को भी पुलिस ने तोता तस्करी के गैंग के सदस्यों को दबोचा।

अक्टूबर 2019: एसटीएफ ने गांजा तस्करों के गैंग को अरेस्ट किया। उकने पास से ट्रक में लदा लाखों रुपए का गांजा बरामद हुआ।

सितंबर 2019: कस्टम डिपार्टमेंट ने 85 लाख रुपए की विदेशी सुपारी पकड़ी, इंडोनेशिया से तस्करी करके उसे भारत लाया गया था।

सितंबर 2019: कार में रखी तीन हजार पीस फेयरनेस क्रीम बरामद किया। सोनबरसा के पास कार्रवाई हुई।

जुलाई 2019: कस्टम डिपार्टमेंट ने काली मिर्च का कारोबार पकड़ा। भारी मात्रा में बरामद हुई।

जनवरी 2019: गोरखपुर रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने पांच किलो से अधिक चरस की बरामदगी की।

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Posted By: Inextlive