Gorakhpur: मुंबई में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग के लिए नेचुरल लोकेशन नहीं है. भोजपुरी का जो लोकेशन गोरखपुर में है वह कहीं नहीं. खेत खलिहान नदी तालाब यहां सब कुछ वह भी फ्री ऑफ कास्ट. साथ ही अगर एक फिल्म स्टूडियो होता तो मजा आ जाता. यह कहना है एक्टर विराज भट्ट का जो अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए यहां आए हैं. स्टूडियो की कमी से जूझ रहे गोरखपुर की पब्लिक बेहद ही अच्छी है. लोगों का व्यवहार ऐसा है कि शूटिंग में काफी सहयोग मिल रहा है. भोजपुरी सिनेमा के लिए यह पॉजिटिव है.


बदलनी होगी मानसिकता भोजपुरी की मिठास को बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों की है। अच्छी फिल्मों से ही भोजपुरी का भला होगा। डबल मीनिंग वाली फिल्मों में काम करने से आर्टिस्ट को बचना होगा। मल्टीप्लेक्स थियेटर लायक फिल्में बनाने की जरूरत है। तभी सोसायटी का बड़ा हिस्सा भोजपुरी सिनेमा देखने जाएगा। कला, संस्कृति को जिंदा कर रहा है यूथ आज की युवा पीढ़ी का कला और संस्कृति के प्रति अटै्रक्ट होना अच्छी बात है। सिनेमा में कैरियर के चांस हैं। हालांकि इस क्षेत्र में सफल होने के लिए काफी मेहनत और लगन की जरूरत है। यदि मेहनत और लगन से काम किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है।

reoort by : Arun Kumar

Posted By: Inextlive