- प्रेमचंद पार्क के सामने बन रहा था नाला

- एक साल से अधिक समय से रुका हुआ है काम, ठीक से नहीं हुआ निर्माण

GORAKHPUR: महेवा से प्रेमचंद पार्क तक बन रहे नाले के काम की धीमी प्रगति के कारण समय से उसका निर्माण हो पाना मुश्किल हो गया है। 2.12 करोड़ की लागत से बन रहे नाले का निर्माण अभी भी अधूरा है जबकि निर्माण अवधि लगभग खत्म होने वाली है। टेंडर के अनुसार नाले का निर्माण 31 मार्च तक हो जाना चाहिए जबकि अभी तक मुश्किल से 50 प्रतिशत काम हो सका है। नाले के अधूरे निर्माण के कारण महेवा से प्रेमचंद पार्क तक का रास्ता दुर्घटना का सबब बना हुआ है। अगर समय से निर्माण कार्य को पूरा नहीं किया गया तो आने वाली बारिश बेतियाहाता निवासियों के लिए फिर से जलभराव की समस्या साथ लेकर आएगी। हालांकि निर्माण में हुई देरी के पीछे नाले के डिजाइन में संशोधन और बजट रिलीज में देरी को भी कारण बताया जा रहा है।

भुगतान हो चुका है पूरा

बरसात के दिनों में महेवा से लेकर बेतियाहाता तक में जलभराव की समस्या आम हो जाती है। इससे निपटने के लिए पूर्व मेयर सत्या पांडेय के कार्यकाल में 2.12 करोड़ की लागत से नाला निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी। नाले का निर्माण सीएनडीएस की ओर से करवाया जा रहा है। कई किस्तों में नाला निर्माण की पूरी राशि को शासन द्वारा अवमुक्त किया जा चुका है। अंतिम किस्त 90 लाख सहित अभी तक सीएनडीएस को 1.91 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। नियमानुसार केवल पांच प्रतिशत राशि को रोक लिया गया है जिसे शासन स्तर पर परीक्षण के बाद जारी किया जाएगा।

आधा हुआ है निर्माण

2.12 करोड़ की लागत से 855 मीटर लंबे नाले का निर्माण किया जाना था। जिसमें से अभी तक मात्र 325 मीटर का ठोस निर्माण हो सका है। महेवा से लेकर प्रेमचंद पार्क तक यह निर्माण किया चुका है। जबकि प्रेमचंद पार्क से हनुमान मंदिर की तरफ नाले की खोदाई की जा रही है। निर्माण करवा रहे ठेकेदार गिरीश प्रसाद रावत ने बताया कि अंतिम किस्त का भुगतान सीएनडीएस को किया गया है। सीएनडीएस से फर्म को अभी तक भुगतान नहीं प्राप्त हो सका है। फिर भी निर्माण करवाया जा रहा है। तय समय में निर्माण कार्य पूरा करवा लिया जाएगा।

निगम करेगा नाले को कवर

मेन सड़क पर नाले की चौड़ाई के कारण इससे दुर्घटना की आशंका व्यक्त की जा रही है। जिसके बाद तय किया गया कि नाले को भी कवर किया जाए। सीएनडीएस ने इसका बजट तैयार कर निगम को सौंप दिया था जिसे निगम ने अस्वीकार कर दिया। अब नगर निगम खुद नाले को कवर करने का काम करेगा। इसके लिए सर्वे कर बजट तैयार किया जाएगा फिर टेंडर के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

कोट्स

जलभराव की समस्या से निपटने के लिए काफी कोशिशों के बाद मैंने नाले का निर्माण पास करवाया था। लेकिन निर्माण कार्य काफी धीमा है जिससे पब्लिक को परेशानी हो रही है।

- सत्या पांडेय, पूर्व मेयर

नाले के निर्माण की लागत का पूरा भुगतान किया जा चुका है। निर्माण प्रक्रिया धीमी रही लेकिन तय समय में उसको पूरा कर लिया जाएगा।

- एके सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर

Posted By: Inextlive