-सभी के रेट रिवाइज करने के लिए निगम में कवायद तेज

-कार्यकारिणी ने पास कर दिया है प्रपोजल

-अब लोगों की जेब पर बढ़ने लगा बोझ

GORAKHPUR: अलहदादपुर के सूर्यनाथ गुप्ता को नगर निगम ने बिल भेजा, जो शख्स पहले 700 रुपए सालाना जमा करता था, उनका टैक्स अचानक 10 हजार पहुंच गया। बिल मिलने के बाद उनकी टेंशन बढ़ गई, तो उन्होंने अपने पार्षद से मिलकर इसकी शिकायत की। जब नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर से बातचीत हुई तो मालूम हुआ कि 2014 से ही टैक्स रिवाइज कर भेजा गया है। सूर्यनाथ गुप्ता का कहना है कि उन्होंने 2019 तक का टैक्स जमा कर रखा था, लेकिन इसके बाद भी 2014 से टैक्स रिवाइज किया गया है। ऐसा ही केस मोहद्दीपुर में भी सामने आया है, जहां रेट को रिवाइज करने पब्लिक पर टैक्स का बोझ कई गुना बढ़ गया है।

स्टैंप वैल्यु का एक परसेंट टैक्स

नगर निगम की कार्यकारिणी में नए टैक्स निर्धारण के प्रस्ताव को अप्रूव किया जा चुका है। निगम अपनी जेब भरने के नाम पर अब लोगों की जेब ढीली करेगा। कम से 1000 हजार की जगह स्टैंप वैल्यु का एक परसेंट वसूल करने के लिए अप्रूवल मिल चुका है। कार्यकारिणी ने तय किया है कि बिल्डिंग का टैक्स निर्धारित करने के लिए अब 50 लाख से एक करोड़ की धनराशि पर रजिस्ट्री शुल्क का एक परसेंट देना होगा। वहीं एक करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति पर एक लाख रुपए टैक्स अमाउंट अदा करना होगा। इससे जहां आम आदमी की परेशानी बढ़ेगी, वहीं, दूसरी ओर निगम की कमाई में इजाफा होगा।

खुद ही बताना होगा अपना दायरा

नगर निगम के जिम्मेदारों ने लोगों को सहूलियत के नाम पर थोड़ी सी राहत दी है। निगम अपने टैक्स पेयर्स की जमीन का माप कराने के बजाए उनसे खुद ही एक फॉर्म भरवा रहा है, जिसमें यह बताया जा रहा है कि उसके पास इतनी जमीन है। इसके बाद टैक्स कलेक्टर उसके अकॉर्डिग टैक्स अमाउंट उन्हें कैल्कुलेट कर बता दे रहे हैं। इसमें निगम ने टैक्स निर्धारण न कराने वालों को नोटिस भेजकर उन्हें टैक्स निर्धारित करने के लिए कहा है, जो काफी दिनों से नहीं पहुंचे हैं, उनका टैक्स डिसाइड कर उन्हें भेज दिया जा रहा है। इसके बाद अगर किसी को यह लगता है कि उसके टैक्स में गड़बड़ी है, तो उसके पास उसे दुरुस्त कराने के लिए एक प्रोफॉर्मा भरने का ऑप्शन है, जिसके बाद उसका टैक्स निर्धारित किया जा रहा है।

नगर निगम ने टैक्स रिवाइज करने में काफी गड़बड़ी की है। 2019 तक जिन लोगों का टैक्स जमा है, उनसे भी 2014 से टैक्स रिवाइज कर लिया जा रहा है। इसकी शिकायत की गई है और टैक्स सही करने के लिए प्रोफॉर्मा भरवाया गया है।

- अशोक यादव, अध्यक्ष, पार्षद निगरानी समिति

निगम की कार्यकारिणी ने अब टैक्स निर्धारण के लिए स्लैब में बदलाव किया है। नाम दाखिल करने के लिए स्टैंप वैल्यू का एक परसेंट टैक्स अदा करना होगा। एक करोड़ से ऊपर धनराशिन होने पर एक लाख रुपए टैक्स लिया जाएगा।

- डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त, जीएमसी

Posted By: Inextlive