पानी में 25 लाख
- लगातार बारिश ने बिगाड़ा सिटी का हाल, तमाम वार्डो में वॉटर लॉगिंग बनी मुसीबत
- जल निकासी के नाम पर खर्च हुए 25 लाख रुपए लेकिन नतीजा सिफर - ज्यादातर जगहों में ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त, बाहरी एरियाज में भी हालात खराबGORAKHPUR: जरा सी बारिश होते ही जल निकासी के नाम पर हर साल लाखों खर्च करने वाले नगर निगम के दावे फेल नजर आने लगते हैं। बीते चार दिन से हो रही झमाझम बरसात ने भी एक बार फिर सिटी के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। आउटर एरियाज की तो बात छोडि़ए, मन सिटी के वार्डो तक में चोक नालियां वॉटर लॉगिंग का सबब बन गई हैं। ज्यादातर वार्डो में जल निकासी के पुख्ता इंतजाम ना होने से तमाम मोहल्लों की सड़कें डूबी हुई हैं। हाल ये कि कई जगह तो लोगों का घरों से निकलना तक दूभर हो गया है। वहीं, जल निकासी की बात करें तो इस साल नगर निगम इस व्यवस्था पर लगभग ख्भ् लाख रुपए खर्च कर चुका है लेकिन फिर भी हालात पहले जैसे ही नजर आ रहे।
बंद हो गया शक्तिनगर में लगा पंपशक्तिनगर वार्ड में जल निकासी के लिए लगा पंप काफी समय से खराब पड़ा है। बारिश के बाद जल निकासी न होने से कई घर पानी से घिरे हुए हुए हैं। लोगों को कहीं आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि पार्षद ने कई बार नगर आयुक्त से जल निकासी का उचित प्रबंधन करने के लिए पत्र लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं वार्ड नंबर म्भ् स्थित पोखरे के आसपास रहने वाले लोगों की मुश्किलें भी बारिश ने बढ़ा दी हैं। यहां पर भी जल निकासी के लिए लगा पंप महज शो पीस बना हुआ है।
यहां भी मुसीबत बनी वॉटर लॉगिंग - गोरखनाथ, ग्रीन सिटी - सूरजकुंड - सिंघडि़या - शक्तिनगर वार्ड और ट्रांसपोर्ट नगर - तारामंडल के सिद्धार्थनगर, चिलमापुर, भरवलिया, प्रयागपुरम, शक्तिनगर, घोष कंपाउंड, शिवाजी नगर - अशोक नगर, साकेत नगर, बिछिया के पीछे, भेडि़यागढ़, गोरखपुर-महराजगंज मार्ग पर पुरानी असुरन चुंगी, सिधारीपुर, चक्सा हुसैन, अहमद नगर, सूयर्1 विहार यहां अधूरा पड़ा नाला निर्माण रेलवे स्टेशन मोहद्दीपुर महेवा बेतियाहाता जंगल सालिकराम मानस विहार कॉलोनी तारामंडल समेत कई इलाकों में अधूरा है काम बॉक्स ध्वस्त पड़ा ड्रेनेज सिस्टमशहर का फ्0 साल पुराना ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका हैं। क्0 इंच की पाइप बिछाई गई हैं जो आगे जाकर 9 इंच की हो गई हैं। इसलिए शहर का पानी आसानी से बाहर नहीं निकल पाता है। ज्यादातर जगहों पर ड्रेनेज चोक है जिसके चलते भी सही तरीके से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। हर बार ड्रेनेज की सफाई कराई जाती है लेकिन फिर भी शहर का पानी बाहर नहीं निकल पाता है।
इन पर खर्च हुए ख्भ् लाख - पंपिंग मशीनों की मरम्मत - नालों की सफाई - डीजल कोट्स नगर निगम हर महीने टैक्स लेता है लेकिन सुविधा के नाम पर सिर्फ दावे होते हैं। शहर की कॉलोनियों में जल निकासी की व्यवस्था ना होने से हर बरसात लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मुकुंद पांडेय, शिवाजी नगर लगातार बारिश की वजह से कॉलोनियों में वॉटर लॉगिंग की समस्या बनी हुई है। घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। मार्केट जाने के लिए घुटने भर पानी में होकर जाना पड़ रहा है। महिलाओं को खासी दिक्कत हो रही है। आशुतोष पांडेय, महुईसुघरपुरनगर निगम ने कहीं पर नाले का निर्माण कराया है तो कई जगहों पर ठेकेदार की लापरवाही से काम पूरा नहीं हो सका है। नाले चोक होने से पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है जिससे परेशानी बढ़ गई है।
- सुनील त्रिपाठी, शक्तिनगर वॉटर लॉगिंग की वजह से घर से बाहर निकलने पर डर लग रहा है। पानी की वजह से सड़कों का पता नहीं चल रहा है। दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। अंजनी निषाद, तारामंडल वर्जन शहर में नए ड्रेनेज सिस्टम के लिए जल निगम को प्रपोजल भेजा गया है। बजट मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा। अनिल कुमार सिंह, प्रभारी नगर आयुक्त शहर के बीचोंबीच वाले एरिया में वॉटर लॉगिंग की समस्या नहीं है। बाहरी एरिया में जल निकासी के लिए पंपिंग मशीन लगाई गई हैं। अधिकारी और सफाई कर्मचारी भी समस्याओं को दूर करने में जुटे हैं। सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर नगर निगम