- नगर निगम की मशीनों से नहीं हो रही फॉगिंग

- नगर निगम के बाहरी वार्डो में नहीं जा रहे फॉगिंग करने वाले कर्मचारी

GORAKHPUR: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा भी हो रहा है लेकिन फॉगिंग का कहीं पता नहीं है। सिटी सेंटर के वार्डो में कुछ हद तक फॉगिंग की जा रही है लेकिन वह भी केवल वार्ड के एक हिस्से में ही जिससे नागरिकों में रोष बढ़ रहा है। सिटी सेंटर के वार्डो में फॉगिंग मशीनें तो दिख रही हैं लेकिन बाहरी वार्डो में हालत और भी खराब है। एक दर्जन से अधिक वार्डो में पब्लिक का कहना है कि महीनों से फॉगिंग मशीनें नहीं आई हैं जिसके कारण मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां पैर पसार रही हैं। फॉगिंग नहीं होने का कारण यह भी है कि निगम में कर्मचारियों और संसाधनों का अभाव है। यदि जल्द ही बाहरी वार्डो में भी फॉगिंग का उचित इंतजाम नहीं कराया गया तो समस्या और बढ़ सकती है।

कर्मचारियों का अभाव

नगर निगम में कर्मचारियों का अभाव है जिसके कारण रेग्युलर फॉगिंग नहीं हो पा रही है। निगम के 70 वार्डो में निगरानी के लिए केवल तीन सुपरवाइजर हैं जिन्हें कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी है। सभी वार्डो में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना और उन इलाकों को जानकारी लेना जहां फॉगिंग नहीं हुई है। यह इनके लिए कर पाना बेहद मुश्किल है। अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों व संसाधनों की संख्या कम होने के कारण वार्डो के मोहल्लों में बारी-बारी से फॉगिंग की जाती है। व्यावहारिक कारण यह भी है कि कर्मचारी साइकिल से फॉगिंग करने जाते हैं इसलिए व दूर जाने से कतराते हैं।

संसाधनों की कमी, कैसे हो फॉगिंग

निगम के 70 वार्डो में फॉगिंग के लिए संसाधनों का भी अभाव है। गलियों में फॉगिंग के लिए 35 साइकिल पर मशीनें बांध कर फागिंग की जाती है। चौड़े रास्तों पर फॉगिंग के लिए चार बड़ी मशीनें हैं जिन्हें वार्डो में बहुत कम लगाया जाता है। नगर निगम के दायरे में 1 लाख 25 हजार घर आते हैं जिनमें फॉगिंग के लिए मशीनों की सख्या काफी कम है। यही वजह है कि शहर के बाहरी वार्डो में फॉगिंग नहीं हो पा रही है। जिससे लोगों में निगम के प्रति रोष बढ़ रहा है।

कोट्स

हमारे यहां केवल साइकिल से फॉगिंग होती है। वह भी केवल कुछ ही देर में मशीन की क्षमता खत्म हो जाती है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

- अबरार अहमद, धर्मशाला बाजार

घर में भी मच्छरों की तादाद बढ़ती जा रही है। छह महीने से मोहल्ले में फॉगिंग नहीं हुई है। जबकि मोहल्ले में लोगे डेंगू से पीडि़त भी हो चुके हैं।

- सरिता यादव, हाउस वाइफ

फॉगिंग करने वाले कर्मचारी दिखते ही नहीं हैं। वार्ड में आते भी हैं तो कब चले जाते पता ही नहीं। मच्छर बढ़ रहे हैं बड़ी मशीन से फॉगिंग की आवश्यकता है।

- अवधेश सिंह, प्रोफेशनल

मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए निगम से भी गुजारिश कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, जिससे समस्या बढ़ती जा रही है।

- अशोक श्रीवास्तव, प्रोफशनल

- फॉगिंग केवल मेन रोड के आसपास हो रही है। गलियों में बनें मकानों में महीनों से फॉगिंग नहीं हुई है। यहां मच्छरों का प्रकोप भी अधिक है।

राधेश्याम सिंह, प्रोफेशनल

Posted By: Inextlive