-ठंड ने दे दी दस्तक, लेकिन ठंड से निबटने की पहल तक नहीं

- कंबल के लिए लकड़ी का टेंडर तक नहीं हुआ, रैनबसेरों में ताले

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saurabh.upadhyay@inext.co.in

GORAKHPUR:

ठंड ने दस्तक दे दी है। रात को हवाएं इसकी तस्दीक करने लगी हैं। गर्म कपड़े आलमारी से निकल चुके हैं। लेकिन एक नगर निगम है जो अभी तक सो रहा है। जीहां, ठंड से निपटने के इंतजाम में नगर निगम ने एक कदम तक नहीं उठाया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अभी तक ठंड के मौसम में बांटने के लिए कंबलों तक टेंडर तक नहीं हुआ है। अलाव जलाने के लिए लकडि़यों का टेंडर तो हो गया है, लेकिन खुला नहीं है। वहीं रैनबसेरों का हाल ये है कि वहां पर ताले लटके हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नगर निगम को इंतजार है कि जब ठंड से कुछ मौतें हो जाएंगी, तभी वह कुछ करेगा?

कब होगा कंबल का टेंडर?

आमतौर पर कंबल के टेंडर की प्रक्रिया दीपावली के बाद ही शुरू हो जाती है। लेकिन यहां आलम यह है कि अभी तक इस दिशा में एक भी कदम नहीं उठाया गया है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों के पास भी कोई जवाब नहीं है। सवाल यह है कि अगर अभी तक टेंडर ही नहीं हुआ है तो प्रक्रिया पूरी होते-होते दिसंबर न बीत जाए। ऐसे में अगर ठंड से मौतें हुई तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? पिछले साल भी पहले 200 कंबल बांटने की स्वीकृति मिली थी। लेकिन जब देर होने लगी तो 100-100 कंबल बांटने का फरमान सुना दिया गया। पार्षद मनीष सिंह के मुताबिक तक पार्षदों ने इसका जमकर विरोध किया, लेकिन जिम्मेदारों ने इससे अधिक कंबल देने से हाथ खड़े कर दिए।

बंद पड़े हैं रैन बसेरा

शहर में मुसाफिरों के लिए शासन के आदेश पर शहर में नगर निगम द्वारा रैन बसेरा बनाया गया है। कुल 10 रैन बसेरे हैं, लेकिन नवंबर बीतने के बावजूद अभी तक रैन बसेरे खुले ही नहीं हैं। ऐसा तब है जबकि नगर निगम रैन बसेरे खोलने के लिए आदेश भी जारी कर चुका है। शनिवार को आई नेक्स्ट टीम ने नगर निगम के इसी आदेश की हकीकत जानने के लिए शहर तीन प्रमुख रैन बसेरों का निरीक्षण किया। रात करीब आठ बजे कचहरी बस स्टेशन, रेलवे बस स्टेशन और रेलवे बस स्टेशनों पर स्थित रैन बसेरों पर ताला लटका हुआ मिला।

लकड़ी में खेल न हो जाए

अलाव की लकड़ी के टेंडर खुलने में जिस तरह देरी हो रही है, उससे आशंका है कि कहीं इसमें खेल न हो जाए। दो साल पहले इसी तरह अचानक अलाव जलाने के लिए लकड़ी की सप्लाई मंगाई गई, जिसमें कुल मंगाई गई संख्या में 40 प्रतिशत लकड़ी गीली वितरण होने लगी थी। इस बारे में एक पार्षद का कहना है कि एक माह से टेंडर हो चुका है। लेकिन वर्कऑर्डर के लिए फाइल जिम्मेदारों के टेबल पर घूम रही है।

वर्जन

ठंडी को लेकर नगर निगम तैयारी कर रहा है। कंबल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रैन बसेरा बंद नहीं होना चाहिए। इसकी सूचना मिली है तो जांच की जाएगी और संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। लकड़ी के लिए टेंडर कर दिया है।

डॉ। सत्या पांडेय, मेयर नगर निगम

कॉलिंग

नगर निगम की यह खासियत है गर्मी में टेंडर करता है और बारिश शुरू होते ही रोड निर्माण का कार्य शुरू कर देता है। इस बार भी यही कार्य करेगा। ठंडी शुरू हो गई है, लेकिन टेंडर होगा, कंबल और लकड़ी आएगी और उसके बाद बांटने का कार्य शुरू होगा, तब तक ठंडी लगभग समाप्त हो जाएगी।

विनय पासवान, प्राइवेट सर्विसमैन

नगर निगम उस समय प्यासे को पानी पिलाता है, जब आदमी प्यास से मर जाता है या अंतिम सांसे गिनने लगता है। ठंडी शुरू हो गई है, अभी कंबल बांट देता तो गरीबों को एक सहारा मिल जाता, लेकिन अभी कागजी कार्रवाई ही नगर निगम द्वारा पूरी नहीं हो पाई है।

अमरजीत गुप्ता, व्यापारी

Posted By: Inextlive