- प्रदेश के बड़े पशु तस्कर से पूछताछ में खुला नाम, 14 पुलिस कर्मचारियों पर तस्करी का आरोप

- गोरखपुर के दरोगा और सिपाहियों पर उठी उंगली

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

जिले के 14 पुलिस कर्मचारी पशु तस्करों के गैंग से जुड़े थे। उनकी मदद से प्रदेश का शातिर पशु तस्कर माजिद अपने कारोबार को अंजाम दे रहा था। सहजनवां में गैंग की गिरफ्तारी के बाद यह मामला सामने आया। जांच के लिए गोपनीय रिपोर्ट पुलिस हेडक्वार्टर को भेजी गई है। इससे पुलिस कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस संबंध में उनको कोई जानकारी नहीं है।

सेटिंग से ट्रांसफर, पोस्टिंग कराता था

गीडा एरिया के कालेजसर जीरो प्वाइंट पर पुलिस टीम ने आठ पशु तस्करों को अरेस्ट किया। दो ट्रकों पर लदे 52 पशु पकड़े गए। पुलिस टीम पर गोली चलाकर तस्करों ने भागने का प्रयास किया। लेकिन इस दौरान पुलिस ने सभी को काबू कर लिया। सरगना की पहचान शामली जिले के कांधला निवासी हाजी माजिद के रूप में हुई। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता लगा कि लंबे समय से तस्करी में शामिल है। उसके इशारे पर फैजाबाद, गोरखपुर होते हुए गोपालगंज से पश्चिम बंगाल तक पशुओं के ट्रक जाते हैं। इस गैंग के लोग कंटेनर में पशुओं को लादकर भेजते हैं। प्राइवेट लोगों को रुपए देकर उनसे पुलिस की मुखबिरी कराई जाती है।

जांच के लिए भेजा जाएगा आडियो टेप

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि आरोपित माजिद की कई बड़े अफसरों से टयूनिंग है। वह पुलिस कर्मचारियों की ट्रांसफर और पोस्टिग भी कराता था। थानेदारों की पोस्टिंग तक में उसका अहम रोल रहता था। उसके कहने पर दरोगा सहित 14 पुलिस कर्मचारी भी काम करते थे। ऐसे पुलिस कर्मचारियों से बातचीत का ऑडियो भी जांच के लिए सुरक्षित किया गया है। उनके मोबाइल काल रिकार्ड की भी जांच को दायरे में लाया जाएगा। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि ठीक से पड़ताल हुई तो पुलिस कर्मचारी मुसीबत में पड़ेंगे। इसलिए गोपनीय रिपोर्ट तैयार करके लखनऊ भेज दी गई है।

Posted By: Inextlive