-शहर में बना स्पेशल दस्ता, अपग्रेड हुए पुलिस कर्मचारी

-आर्मी के ट्रेनर करेंगे ट्रेंड, पुलिस लाइन में हुई शुरुआत

GORAKHPUR: नेपाल से सटे गोरखपुर में आतंकी गतिविधियों की अलर्ट को देखते हुए गोरखपुर पुलिस को अपग्रेड किया जा रहा है। एटीएस की तर्ज पर गोरखपुर पुलिस के एसआई और कांस्टेबल की टीम टेररिस्ट से निपटने को तैयार होगी। जिला पुलिस की दो टुकडि़यों की ट्रेनिंग पुलिस लाइन में शुरू करा दी गई है। एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता की अगुवाई में पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। एसएसपी ने कहा कि आर्मी के ऑफिसर्स से भी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। एक हफ्ते के भीतर यह दस्ता काम करना शुरू कर देगा।

आतंकी संगठनों का ट्रांजिट प्वाइंट गोरखपुर

आतंकी संगठनों के लिए निशाने पर गोरखपुर शहर पहले से हैं। 22 मई 2007 में सीरियल ब्लास्ट के बाद शहर की संवेदनशीलता बढ़ गई। नेपाल बार्डर से नजदीक होने से आतंकी संगठन ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। पूर्व में 20 से अधिक आतंकी भी गोरखपुर से पकड़े गए हैं। चार दिन पूर्व गोरखपुर के रास्ते दो संदिग्ध आतंकियों के नेपाल जाने के इनपुट जारी हुए थे। जबकि, इसके पूर्व नकहा रेलवे गेट के पास एक कार सवार पांच संदिग्धों के देखे जाने की सूचना पर खुफिया जांच हुई थी। हालांकि इस दौरान किसी को पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी। हाल के दिनों में अलर्ट जारी होने के बाद एसएसपी ने नया कदम उठाया है। उन्होंने इच्छुक पुलिस कर्मचारियों को एटीएस की तर्ज पर ट्रेनिंग दिलाना शुरू कर दिया।

पहले चरण में 20 जवान होंगे तैयार

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि दस्ता बनाने के लिए शुरुआत में 20 पुलिस कर्मचारियों का चयन किया गया है। इसके लिए ऐसे पुलिस कर्मचारियों को सेलेक्ट किया गया है, जिनको स्पेशल ट्रेनिंग चाहिए। पहले चरण में एसआई, एचसीपी सहित 20 की दो टुकडि़यां बनाई गई हैं। इन पुलिस कर्मचारियों को पहले चरण में निशानेबाजी में पारंगत किया जा रहा है। पुलिस लाइन में असलहा लाइसेंस लेने के लिए बने टेस्टिंग प्वाइंट पर एसएसपी ने खुद फायरिंग कराई है। ट्रेनिंग पूरी होने पर अन्य पुलिस कर्मचारियों को ट्रेंड किया जाएगा। वर्ष 2010 में तत्कालीन डीआईजी असीम अरुण ने स्वाट टीम का गठन किया था। स्वाट में चुने गए पुलिस कर्मचारियों को अलग ट्रेनिंग कराई गई थी। लेकिन बाद में अलग-अलग जगहों पर ट्रांसफर होने से टीम बिखर गई। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की तरह पत्थरबाजों की फोटो गोरखपुर में जारी किया। इसके बाद प्रदेश के अन्य जिलों में बवाल करने वालों की तस्वीरे वायरल हुई।

यह दी जा रही है स्पेशल ट्रेनिंग

- 20 पुलिस कर्मचारियों को स्पेशल ट्रेनिंग के लिए चुना गया है।

- सभी को कम से कम पांच दिनों की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।

- आर्मी आफिसर की मदद से भी पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

- आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे।

- किसी घटना, हमले के दौरान पुलिस टीम कैसे वर्क करके सिचुएशन हैंडल करेगी।

- दो टुकड़ी तैयार होने के बाद अन्य पुलिस कर्मचारियों को ट्रेंड करने की तैयारी है।

इन सुविधाओं से लैस होंगे पुलिस कर्मचारी

- सभी पुलिस कर्मचारियों को टार और नई एके-47 राइफलें दी जाएंगी।

- सभी को बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ हेलमेट उपलब्ध कराया जाएगा।

- पुलिस कर्मचारियों के कपड़े और जूते भी स्पेशल कैटेगरी के होंगे।

- ट्रेंड पुलिस कर्मचारियों के लिए कवच वाहन भी बनवाया गया है।

वर्जन

मौजूदा संसाधनों में पुलिस टीम को एटीएस की तर्ज पर ट्रेंड किया जा रहा है। यह कह सकते हैं कि पुलिस टीम को अपग्रेड करते हुए हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम बनाया जा रहा है। ट्रेनिंग के बाद पुलिस कर्मचारियों को फील्ड में उतारा जाएगा। पहले चरण में 20 लोगों को चुना गया था। आर्मी के ट्रेनर भी गेस्ट के रूप में बुलाए जाएंगे।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive