- गोरखपुर सहित आसपास के जिलों में वारदात करके होते फरार

- गिरफ्तारी में होती प्रॉब्लम, आसानी से हाथ नहीं आते बदमाश

GORAKHPUR: गोरखपुर शहर और आसपास के एरिया में वारदात करके नेपाल में छिपना मुश्किल होगा। इंडिया के बदमाशों को नेपाल में शरण देने वालों की कुंडली पुलिस तैयार कर रही है। शहर में क्राइम करके नेपाल में छिपे तीन बदमाशों की तलाश में पुलिस लगी है। सीओ क्राइम का कहना है कि आसानी से रहने-ठहरने की व्यवस्था होने से शातिर नेपाल भाग जाते हैं। लोकल पुलिस के सहयोग से ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा।

नेपाल के कैसीनो में उड़ रही लूट की रकम

गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया सहित अन्य जिलों में वारदात करके बदमाश आसानी से नेपाल चले जाते हैं। मुकदमा दर्ज करके पुलिस उनकी तलाश में जुटी रहती है। बड़ी मुश्किल से कभी-कभार ही बदमाशों को पकड़ने में कामयाबी मिलती है। ज्यादातर मामलों में पुलिस को नाकामी देखनी पड़ती है। इससे जहां पुलिस की फजीहत होती है, वहीं पीडि़त पक्ष के लोग तरह-तरह के आरोप लगाते हैं। हाल के दिनों में पुलिस की टीम बॉर्डर इलाकों के अलावा अपराधियों की तलाश में नेपाल के कैसिनो में जा चुकी है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि गोरखपुर में लूटपाट करने वाले बदमाश कैसिनो में सारी रकम उड़ा रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व लुटेरों का गैंग पकड़ा गया जो नेपाल जाने की फिराक में लगा था।

होटल जैसी सुविधाएं, सबको मिलती पनाह

जिले में पुलिस के राडार पर 28 फरार बदमाश हैं। उनकी तलाश में जुटी पुलिस को जानकारी मिली है कि इनमें से कई लोगों ने नेपाल में ठिकाना बनाया है। शुरूआत में वह भागकर नेपाल गए। फिर धीरे-धीरे वहां पर अपना परमानेंट बसेरा बना लिया। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नेपाल में महज 10 हजार रुपए में बढि़या ठिकाना मिल जाता है। बुटवल के आसपास गांवों में होटल जैसी सुविधाएं मिल जाती हैं। खाने-पीने और आराम से रहने की व्यवस्था होने की वजह से ज्यादातर बदमाश वहां पर भागकर जाते हैं।

यहां बनते आफत, वहां दिखाते शराफत

जांच में यह जानकारी सामने आई है कि तीन दशक के भीतर बदमाशों को ज्यादा सुविधाएं मिलने लगी हैं। रुपए खर्च करने पर उनको सारा ऐशो-आराम मिलता है। ऐसे में कई बार पुलिस टीम का दबाव बढ़ने पर अपराधी अपनी फैमिली संग शिफ्ट हो जाते हैं। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि मर्डर के आरोप में फरार पीपीगंज एरिया के गिरजा यादव ने नेपाल में स्थाई ठिकाना बना लिया है। बुटवल, भैरहवा, तौलिहवा सहित कई इलाकों में पहले भी इंडिया से फरार बदमाश पकड़े जा चुके हैं। जिले में पुलिस की आफत बने बदमाश वहां जाकर शराफत दिखाने लगते हैं।

इन जगहों पर ज्यादा बनाते ठिकाना

बारा, परसा, बुटवल, रोतहट, तौलिहवा

इसलिए नेपाल की राह पकड़ते शातिर

दो साल में 50 से अधिक बदमाशों की लोकेशन नेपाल में मिली है।

गोरखपुर और आसपास एरिया से नेपाल पहुंचने में आसानी होती है।

नेपाल में जाकर छिपे बदमाशों की गिरफ्तारी आसान नहीं होती है।

कानूनी प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

गिरफ्तारी के लिए पहुंचने वाली टीम का शरणदाता विरोध करते हैं। बवाल होने पर बात बिगड़ती है।

नेपाल जाने वाली पुलिस टीम को ऑफ द रिकॉर्ड जाना पड़ता है। उनके पास सरकारी असलहे भी नहीं होते।

बदमाश को अरेस्ट करने के लिए किसी के जरिए सीमा पार करानी पड़ती है। बॉर्डर पार होने पर यूपी पुलिस का शिकंजा कस पाता है।

फैक्ट फाइल

गोरखपुर में 28 बदमाशों पर ईनाम घोषित है।

गोरखपुर, महराजगंज सहित मंडल के 50 बदमाश नेपाल में हैं।

गोरखपुर के तीन मोस्ट वांटेड बदमाशों की लोकेशन नेपाल में मिली है।

इंडो नेपाल बॉर्डर पर करीब 1800 किलोमीटर खुली सीमा है।

दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण कानून 1953 में बनाया गया था।

1816 के सुगौली संधि के बाद भरत-नेपाल के बीच सामान्य आवागमन शुरू हुआ।

31 जुलाई 1950 को भरत-नेपाल मैत्री संधि हुई। इससे दोनों देशों में रोटी-बेटी का रिश्ता मजबूत हुआ।

नेपाल से आवाजाही का फायदा उठाकर शातिर बदमाश आसानी से बॉर्डर पार कर जाते हैं।

वर्जन

गोरखपुर में क्राइम करके कई बदमाश नेपाल भाग चुके हैं। वहां जाकर छिपे बदमाशों की गिरफ्तारी आसान नहीं होती। कुछ दिनों के बाद पुलिस की कार्रवाई ढीली पड़ने पर वह लोग लौटते हैं। पहले से उनके पीछे लगी पुलिस तब उनको पकड़ लेती है। हाल फिलहाल कुछ बदमाशों की तलाश की जा रही है। गोपनीयता भंग होने की वजह से उनका नाम डिस्क्लोज नहीं किया जा सकता है। एक प्लान तैयार किया जा रहा है जिससे नेपाल भागने वाले बदमाशों को रास्ते में दबोचा जा सके।

- प्रवीण कुमार सिंह, सीओ क्राइम ब्रांच

Posted By: Inextlive