-छेड़छाड़ से आहत किशोरी ने खाया जहर, हालत गंभीर

-रेप, रेप की केाशिश और बदसलूकी से सहमी बेटियां

GORAKHPUR: जिले में पुलिस के बालिका सुरक्षा अभियान पर शोहदों ने पानी फेर दिया है। प्रभावी कार्रवाई के अभाव में शोहदे बेलगाम हैं। उरुवा में छेड़छाड़ के मामले को मैनेज करने में जुटी पुलिस बैकफुट पर है। बेलीपार में गुरुवार शाम पड़ोसी युवकों की हरकत से परेशान होकर किशोरी ने जहर खा लिया। जानकारी होने पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। हालत नाजुक बताकर डॉक्टरों ने मेडिकल रेफर कर दिया। बुधवार को किशोरी के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी थी। लेकिन हीला-हवाली की वजह से कार्रवाई नहीं हो सकी। जुलाई में किशोरियों और युवतियों संग हुई छेड़खानी और बदसलूकी की घटनाओं ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है।

रास्ता रोककर की बदसलूकी

बेलीपार एरिया की किशोरी को उसके पड़ोस में रहने वाले सगे भाई परेशान करते थे। करीब छह माह से पहले बड़ा भाई छेड़छाड़ कर रहा था। बाद में छोटे भाई ने हरकत शुरू कर दी। वह किशोरी को जबरन मोबाइल फोन देकर बातचीत करने का दबाव बनाता था। उसके घर से निकलने पर रास्ते में रोककर अश्लील हरकतें करता था। बुधवार को आरोपी की हरकत की शिकायत लेकर किशोरी के पिता थाने पर पहुंचे। लेकिन वीआईपी प्रोग्राम में बिजी होने का हवाला देकर पुलिस ने बाद में जांच का आश्वासन दिया। गुरुवार शाम किशोरी घर से खेत की तरफ जा रही थी। रास्ते में मिले युवक ने उसके साथ गलत हरकत की। किसी तरह से भागकर घर पहुंची। रोती हुई पूरी बात परिजनों से बताकर जहरीला पदार्थ खा ली। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

सुरक्षित नहीं किशोरी-युवती

जिले में पुलिस के मैनेजगेम की वजह से शोहदों की हरकतों पर लगाम नहीं कस पा रही। शिकायत मिलने पर पुलिस हर केस को दबाने की कोशिश करने लग जा रही है। इसलिए घटनाओं पर लगाम नहीं कस पा रहा। मंगलवार को शोहदों ने खोराबार एरिया के आजाद नगर मोहल्ले की एक युवती के अपहरण मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस घटना की सूचना ट्विटर पर दी गई। तब कहीं जाकर पुलिस हरकत में आई। मुकदमा दर्ज कर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। जबकि, खोराबार क्षेत्र में एक हफ्ते में इस तरह की तीन घटनाएं हो चुकी हैं।

स्कूलों में अभियान, मैनेजर और टीचर ने की हरकतें

जुलाई में बालिका सुरक्षा का अभियान स्कूलों में जोर-शोर से चलाया गया। हर थाना क्षेत्र में स्कूलों में जाकर पुलिस टीम ने छात्राओं को जानकारी दी। किसी तरह की घटना होने पर महिला हेल्पलाइन सहित अन्य की मदद लेने के बारे में बताया। स्कूलों में अभियान चलने के बावजूद ऐसे मामले सामने आए जिनसे शर्मसार होना पड़ा। गगहा और सहजनवां एरिया में स्कूल के लोगों ने छात्राओं संग गलत हरकतें की जिसकी शिकायत होने से हड़कंप मचा हुआ है। बुधवार को खजनी के कुईखोर की स्कूल से घर लौट रही दो छात्राओं का अपहरण करके युवकों ने रेप का प्रयास किया। किशोरियों के शोर मचाने पर पब्लिक ने एक आरोपित को पकड़ लिया।

क्यों नहीं मिल पा रही सफलता

महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे अभियान के बावजूद घटनाएं थम नहीं रही हैं। इससे परिजनों की टेंशन बढ़ती जा रही है। घर से निकलने वाली बेटियां की सुरक्षा को लेकर पैंरेट्स काफी चिंतित हैं। जबकि, पुलिस के कार्रवाई के दावों का असर नहीं पड़ रहा। लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से ऐसे मामलों की रोकथाम नहीं हो पा रही। जबकि, एंटी रोमियो स्कवायड का गठन भी हो चुका है।

इन घटनाओं से कटघरे में ख्ाड़ी पुलिस

01 अगस्त 2019: छेड़छाड़ से आहत किशोरी ने जहर खाया, मेडिकल कॉलेज में एडमिट

31 जुलाई 2019: गगहा एरिया में हाटा बाजार में एक घर में घुसकर मनबढ़ों ने बदसलूकी की।

31 जुलाई 2019: खजनी एरिया के एक स्कूल की दो छात्राओं का अपहरण करके रेप की कोशिश।

30 जुलाई 2019: खोराबार एरिया में घर लौट रही प्राइवेट फर्म की युवती का अपहरण की कोशिश।

30 जुलाई 2019: खोराबार एरिया में मां के साथ बाजार जा रही किशोरी संग युवकों ने छेड़छाड़ की।

30 जुलाई 2019: सहजनवां में छात्रा के साथ स्कूल प्रबंधक ने छेड़छाड़ किया।

28 जुलाई 2019: उरुवा एरिया में किशोरी का अपहरण करके गैंग रेप, पांच आरोपित अरेस्ट

28 जुलाई 2019: कोतवाली एरिया एक किशोरी से छेड़छाड़ का विरोध पर मनबढ़ों ने भाई को पीटा

27 जुलाई 2019: गगहा एरिया के एक स्कूल में टीचर ने छात्रा संग गलत हरकत की। घेराव पर सस्पेंड हुआ।

किशोरी के जहर खाने की सूचना मिली है। इसकी छानबीन की जा रही है। उरुवा की घटना में किशोरी के बयान के आधार पर मुकदमे में गैंगरेप और आईटी एक्ट की धारा बढ़ा दी गई है। उरुवा में जब घटना की सूचना मिली थी तब एसओ छुट्टी पर थे। सीओ इसकी जांच कर रहे हैं। यदि किसी पुलिस कर्मचारी की कोई भूमिका मिली तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

विपुल श्रीवास्तव, एसपी साउथ

ऐसे मामलों में अवेयनेस से ज्यादा क्विक एक्शन की जरूरत है। तुरंत एक्शन न होने से मामले बढ़ते जाते हैं। शुरू में सामाजिक दबाव से पीडि़त इसकी शिकायत नहीं करती। यदि परिवार में घटना बताई तो पैरेंट्स उसे दबाने का प्रयास करते हैं। किसी तरह से मामला पुलिस के पास पहुंचा तो कार्रवाई के नाम पर टालमटोल हो जाती है। ऐसे में चाहिए कि कानून व्यवस्था सख्त हो। इस तरह का अपराध करने वालों में कानून का भय हो। त्वरित न्याय की व्यवस्था हो।

प्रोफेसर कीर्ति पांडेय, सोशियोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive