- फैसले के 72 घंटे बाद तक 50 चौराहों पर तैनात रहेगी पुलिस फोर्स

- सिविल डिफेंस और एएसपीओ की 12-12 घंटे की शिफ्ट में होगी ड्यूटी

GORAKHPUR: अयोध्या फैसले पर पब्लिक की मदद से पुलिस शांति व्यवस्था बनाएगी। जिले के 50 संवेदनशील चौराहों पर 72 घंटे तक पुलिस और सिविल डिफेंस के लोगों की तैनाती की जाएगी। यह टीम 12-12 घंटे मौजूद रहकर गतिविधियों पर नजर रखेगी। बड़े चौराहों पर सीओ तो छोटे चौराहों पर इंस्पेक्टर की अगुवाई में टीम काम करेगी। इसके अलावा पूर्व में शहर के भीतर हुए दंगों, बवालों में शामिल लोगों की फाइलें खंगाली जा रही हैं। कोतवाली, गोरखनाथ, राजघाट और तिवारीपुर थाना क्षेत्रों में ऐसे लोगों पर विशेष नजर रखी जाएगी। चौकी और थाने के जरिए क्षेत्र के संभ्रांत और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से भी पुलिस मदद लेगी। इसके लिए पुलिस ने अभी से सभी का मोबाइल नंबर जुटाना शुरू कर दिया है।

2010 का फॉर्मूला अपनाने पर जोर

वर्ष 2010 में अयोध्या पर हाईकोर्ट का फैसला आने पर तत्कालीन स्थितियों को जन सहभागिता से ही कंट्रोल किया गया था। इसलिए उसी फॉर्मूले को अपनाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इसको देखते हुए पब्लिक एड्रेस सिस्टम को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसी सिस्टम के जरिए किसी भी थाना, चौकी या कंट्रोल रूम से पब्लिक को जानकारी दी जा सकेगी। इसी सप्ताह इस सिस्टम के जरिए एडीजी जेएन सिंह भी पब्लिक को संबोधित करेंगे। चौराहों पर लगे पीए सिस्टम का ट्रायल भी शुरू हो चुका है।

पूर्व डीजी बृजलाल ले आए थे फॉर्मूला

वर्ष 2010 में अयोध्या पर हाईकोर्ट का फैसला आया था। तब प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बृजलाल थे। उन्होंने पब्लिक के सहयोग से एक फॉर्मूला लागू किया था। उस फॉर्मूले से कहीं पर कोई घटना सामने नहीं आई। एसपी मेरठ रहते हुए उन्होंने वर्ष 1992 में यह फॉर्मूला सबसे पहले लागू किया था। तब मेरठ में कोई दंगा नहीं हुआ। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनने के बाद भी उन्होंने उसी तरीके को अपनाया। तब एडीजी जेएन सिंह की पोस्टिंग बतौर एसएसपी मेरठ थी। इस दौरान जन सहयोग से ही हालात को संभाला गया था।

फाइलें खंगालने में जुटी गोरखपुर पुलिस

जिले में पूर्व में हुए बवालों में शामिल रहे लोगों पर पुलिस की नजर है। एलआईयू को भी एक्टिव कर दिया गया है। पूर्व में हुई घटनाओं में शामिल लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। वर्तमान में वह क्या कर रहे हैं। उनका किन-किन लोगों से जुड़ाव है सहित अन्य डिटेल मांगी गई है। बताया जाता है कि पूर्व में मुकदमों में तमाम ऐसे लोग भी शामिल रहे हैं जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं था। जबकि कुछ लोगों ने घटना के बाद पूरा ट्रैक बदल दिया। फिर भी एहतियात के तौर पर पुलिस आंकड़ा जुटाने में जुटी है। शहर के कोतवाली, राजघाट, तिवारीपुर और गोरखनाथ एरिया में ज्यादा मुस्तैदी बरती जाएगी।

वर्जन

फैसला आने पर जन सहयोग लेकर शांति कायम की जाएगी। सभी पुलिस अफसरों को इसकी गाइड लाइन जारी कर दी गई है। इसको लेकर मैं लगातार बैठकें कर रहा हूं। इस हफ्ते पीए सिस्टम के जरिए पब्लिक को संबोधित करके जानकारी दी जाएगी।

- जेएन सिंह, एडीजी

Posted By: Inextlive