संदिग्धों की होगी तलाश, खंगालेंगे झुग्गी-झोपड़ी

नेपाल के रास्ते घुसपैठ करके दिल्ली पहुंचते आतंकी

GORAKHPUR:

विदेशी घुसपैठियों की तलाश में पुलिस जासूसी करेगी। पब्लिक प्लेस से लेकर झुग्गी-झोपड़ी तक में सस्पेक्ट्स सर्च किया जाएगा। लोकसभा इलेक्शन में किसी तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए यह तैयारी की जा रही। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के अतिरिक्त थानों-चौकियों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को अहम भूमिका निभानी होगी। जासूसी के लिए हर जिले में तेज-तर्रार और मजबूत पकड़ वाले पुलिस कर्मचारियों को सेलेक्ट किया जाएगा।

एडीजी जोन दावा शेरपा ने बताया कि बेहद गोपनीय तरीके से चलने वाले अभियान की जानकारी सिर्फ संबंधित लोगों को दी जाएगी। नेपाल बार्डर पर किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर पुलिस एक्शन लेगी। एसएसबी सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों से तालमेल बैठाकर पुलिस काम करेगी। नेपाली पुलिस की मदद भी ली जाएगी।

कहीं होता निशाना, कहीं होता ठिकाना

2007 के मई में गोरखपुर, गोलघर मार्केट में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद से संदिग्ध गतिविधियों की निगहबानी बढ़ा दी गई है। नेपाल की खुली सीमा को पार कर आसानी से गोरखपुर पहुंचने वाले संदिग्धों पर नजर रखने के लिए कोई न कोई उपाय किया जाता है। रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के फैलाव से भी पुलिस की समस्या बढ़ गई है। देश के विभिन्न हिस्सों में इनके छिपे होने से संबंधित अलर्ट के बाद से पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। नेपाल बार्डर के अलावा बिहार को छूने वाले गोरखपुर में पहले भी कई संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि कहीं पर भी ठिकाना बनाकर ये संदिग्ध छिप जाते हैं। जबकि, इनका निशाना कहीं होता है। इसलिए नेपाल बार्डर से सटे सभी जिलों में संदिग्धों की तलाश, उनकी धर-पकड़ के लिए सर्च आपरेशन चलाया जाएगा।

बार्डर पर टेरर कनेक्शन ने बढ़ा दिया है टेरर

नेपाल बार्डर का टेरर कनेक्शन होने से आतंकी संगठनों सहित अन्य संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी रहती है। नेपाल बार्डर पर पहले भी कई संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं। पाकिस्तान में रहने वाले संदिग्धों की घुसपैठ की पुष्टि वाया गोरखपुर हो चुकी है। इसके अलावा एटीएस, आईएनए सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां शहर में टेरर फडिंग का कनेक्शन भी पा चुकी है। कश्मीर से लेकर बांग्लादेश तक जुड़ाव होने से गोपनीय जांच पड़ताल पर जोर दिया जा रहा है। इलेक्शन के दौरान किसी तरह की देश विरोधी तत्व से मिलकर ये लोग गड़बड़ी कर सकते हैं। नेपाल बार्डर पर वर्ष 1991 सोनौली बार्डर से पंजाब का उग्रवादी सुखविंदर सिंह दबोचा गया था। 1993 में मुंबई कांड का आरोपी टाइगर मेनन भी पकड़ा गया था।

यह उठाए जाएंगे कदम

-हर थाना क्षेत्र में पुलिस झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहने वालों की जांच पड़ताल करेगी।

-सभी लोगों का पूरा ब्यौरा जुटाकर रजिस्टर मेंटेन किया जाएगा। सभी के मोबाइल नंबर दर्ज होंगे।

-झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का मूल निवास क्या है। वह लोग क्या व्यवसाय करने के लिए आए हैं।

-किन-किन जगहों पर कितने लोग इस तरह से रहते हैं। उनके परिवार में कितने लोग, कितने साल से हैं।

-सभी के व्यक्तियों का पूर्व में कोई क्रिमिनल रिकार्ड तो नहीं है। यदि है तो किस तरह के मुकदमे दर्ज हुए थे।

-मोहल्लों में कितने लोग किराए पर रह रहे हैं। कोई नाम, धर्म बदलकर तो नहीं रह रहा है।

पिछले साल बार्डर पर पकड़े गए लोग

27 दिसंबर 2018: सोनौली बार्डर पार करने के चक्कर में उजबेकिस्तान की महिला सहित दो लोग पकड़े गए।

16 नवंबर 2018: सोनौली बार्डर पर फर्जी वीजा, पासपोर्ट के जरिए इंडिया में आ रहा युगांडा का नागरिक सिवानिया वेन पकड़ा गया।

07 नवंबर 2018: नेपाल बार्डर से दो महिलाओं सहित छह चीनी नागरिकों को बार्डर पार करते हुए बहराइच में पकड़ा गया था।

30 अक्टूबर 2018: बार्डर करके इंडिया में आई रुस की महिला नटालिया पकड़ी गई। उसके साथ दो बच्चे मैक्सिम और मारिया थे। वह बच्चों संग साइकिल से भारत आ गई थी।

01 अगस्त 2018: सोनौली बार्डर पर रोमानिया के नागरिक अरेल वायस्यू को अरेस्ट किया। कोलकाता में उसके खिलाफ लुक आउट जारी था।

10 जुलाई 2018: सोनौली बार्डर पर चीनी नागरिक लीजी को पकड़ा गया। उसके साथ एक मददगार भी पुलिस के हत्थे चढ़ा।

नेपाल बार्डर काफी संवेदनशील है। गोरखपुर और आसपास के जिलों में संदिग्धों के छिपे होने की संभावना होती है। तमाम लोग दूसरी जगहों से आकर झुग्गी-झोपडि़यों में ठिकाना बना लेते हैं। ऐसे लोगों की तलाश में अभियान चलाया जाएगा। तेज-तर्रार पुलिस कर्मचारियों को इस काम की जिम्मेदारी जाएगी। जोन के हर जिले में इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।

दावा शेरपा, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive