- अच्छे और सच्चे नागरिक किए जाएंगे तैयार

- इलेक्शन के बाद रेंज में शुरू होगी प्रक्रिया

GORAKHPUR: प्रदेशके गवर्नमेंट स्कूलों में यूपी पुलिस नई पहल करने जा रही है. स्कूलों में एनसीसी की तरह से स्टूडेंट पुलिस कैडेट तैयार किए जाएंगे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे फ्यूचर में बेहतर पुलिसिंग की तस्वीर बनाने की कोशिश की तैयारी है. वहीं इस एसपीसी के जरिए स्कूली बच्चों में ईमानदार, अच्छे और सच्चे नागरिक तैयार करने की बुनियाद मजबूत होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एनसीसी की तरह एसपीसी का सर्टिफिकेट पुलिस भर्ती एग्जाम में छूट का लाभ दिलाएगा. आईजी ने बताया कि रेंज में यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी. नोडल अफसर तैनात करकेउनको जिम्मेदारी दी जाएगी. इलेक्शन के बाद यह प्रक्रिया अमल में लाने की तैयारी की जा रही है.

क्या है योजना, क्या मिलेगा फायदा

सीनियर पुलिस ऑफिसर्स का कहना है कि एसपीसी की ट्रेनिंग में बुनियादी कानून और पुलिस की वर्किग बताई जाएगी. तमाम प्रयासों के बावजूद पुलिस केबारे में तमाम तरह का परसेप्शन समाज में फैला हुआ है. इसलिए इस योजना में शामिल होने से सभी छात्रों को आदर्श, मूल्य और नैतिकता की शिक्षा दी जाएगी. इस एजुकेशन से पुलिस और स्टूडेंट्स के बीच एक मजबूत रिलेशन डेवलप किया जाएगा.

ऐसा होगा एसीपी का स्वरूप

एनसीसी की तरह यूनिफॉर्म, लोगो और झंडा होगा.

लोगो, यूनिफॉर्म और झंडा परेड और ट्रेनिंग में धारण करना होगा.

योजना में गवर्नमेंट कॉलेज के कक्षा आठ और नौ के छात्र शामिल किए जाएंगे.

एनसीसी के सी सर्टिफिकेट की तरह पुलिस की नौकरी में (1.5 अंक) की छूट मिलेगी.

क्लास नौ पास करने के बाद एसपीसी के कैंप लगाकर ट्रेनिंग दी जाएगी.

ट्रेनिंग पूरी करने पर सभी कैडेट्स को एग्जाम लेकर सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

स्टूडेंट्स पुलिस कैडेट्स को लोकल लेवल पर काम करने की जानकारी होगी.

महिला थाना, ट्रैफिक पुलिस, बाल संरक्षण, फायर स्टेशन सहित अन्य जगहों पर ले जाकर जानकारी देंगे.

स्कूल से लेकर थाना तक में तैनात होंगे ऑफिसर्स

स्कूलों में ट्रेनिंग के लिए पुलिस अधिकारियों को नोडल बनाया जाएगा. टीचर्स को जहां स्कूल में नोडल बनाकर कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर (सीपीओ) बनाकर जिम्मा सौंपा जाएगा. वहीं हर स्कूल में थाना स्तर के सब इंस्पेक्टर नोडल होंगे. उन्हें पुलिस अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली से अवगत कराएंगे. जिले में एक डिप्टी एसपी को नोडल अफसर बनाया गया है. प्रक्रिया शुरू होने पर डीएम, एसएसपी, डीआईओएस, बीएसए हर माह इंस्पेक्शन करेंगे. जबकि जिला स्तर पर होने वाली मीटिंग में डीएम और एसएसपी इस योजना को लेकर चर्चा भी करेंगे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस योजना में कोई बुक नहीं पढ़ाई जाएगी. न ही किसी तरह का एग्जाम लिया जाएगा. हर माह एक क्लास ली जाएगी.

इस व्यवस्था में काम आएंगे एसपीसी

क्राइम की रोकथाम के तहत क्यूनिटी पुलिसिंग

धैर्य, साहस, टीम भावना, सहानुभूति और अनुशासन

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा

सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता अभियान चलाने में सहयोग

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित नियम-कानून की जानकारी

आपदा प्रबंधन और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर सभी को एजुकेट किया जाएगा

वर्जन

सुरक्षा, शांति और कम्यूनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने में इस नई व्यवस्था का सहयोग मिलेगा. इससे छात्रों में आत्म विश्वास बढ़ेगा. कुछ जिलों में यह योजना लागू हो चुकी है. इलेक्शन के बाद यहां भी इसे अमल में लाया जाएगा. इसकी पहल करके स्कूलों की लिस्ट तैयार की जाएगी. ताकि बच्चों को एक नई तरह की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार किया जा सके.

- जय नारायण सिंह, आईजी रेंज

Posted By: Syed Saim Rauf