- ठंड बढ़ने पर अलाव जलवाने की जिम्मेदारी

- जलौनी जुटाने में छूट जा रहा पुलिस का पसीना

GORAKHPUR: शहर के भीतर अलाव जलवाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। चौराहों, रैन बसेरों और अन्य पब्लिक प्लेस पर अलाव के लिए लकडि़यां भी नगर निगम मुहैया कराता है। लेकिन दो दिनों से थानेदार और चौकी इंचार्ज अलाव को लेकर परेशान हैं। चौराहों पर जलने वाले अलाव के लिए लकडि़यों का जुगाड़ करने में दरोगाओं का पसीना छूट जा रहा है। तीन दिन पहले वायरलेस पर अलाव जलाने का मैसेज पास होने के बाद से पुलिस कर्मचारी चौराहा-चौराहा घूमकर अलाव की निगरानी में जुटे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अलाव जलाने का इंतजाम देखने के बहाने पुलिस कर्मचारी गश्त कर रहे हैं। इससे रात में होने वाली घटनाओं को कम करने में मदद मिल रही।

अलाव बुझने पर जलने का कराएं इंतजाम

खिचड़ी मेला शुरू होने के साथ ही मौसम ने करवट ले ली है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से मैदानी इलाकों में बढ़ी गलन का असर नजर आ रहा। सर्दी के मौसम में नगर निगम अलाव जलाने का प्रबंध करता है। नगर निगम के चिन्हित स्थानों पर दोपहर में सूखी लकडि़यां भेज दी जाती हैं। शाम होने पर आसपास के लोग उन लकडि़यों को जलाकर अलाव का प्रबंध पूरा करते हैं। तीन दिन पूर्व वायरलेस सेट पर एक मैसेज पास हुआ जिसमें चौकी इंचार्ज, दरोगाओं को अलाव का इंतजाम कराने के लिए कहा गया था।

लकड़ी के लिए भटक रहे दरोगा, सिपाही

चौराहों पर अलाव बुझने पर संबंधित क्षेत्र के दरोगा जिम्मेदार माने जाएंगे। इसलिए रात भर अलाव जलाने का प्रबंध करने में चौकी प्रभारी, हल्का दरोगा जुटे हुए हैं। नगर निगम की लकड़ी रात में दगा न दे जाए इसलिए दरोगा खुद ही लकड़ी तलाश रहे। सूखी लकड़ी का प्रबंध करके पहले से इंतजाम कर लिया जा रहा है ताकि रात में चेकिंग के दौरान कोई प्रॉब्लम न आए। चौराहों पर अलाव जलने से पुलिस कर्मचारियों के साथ रिक्शा, ऑटो चालक और राहगीरों को राहत मिल रही। शहर में 150 से अधिक जगहों पर अलाव जलाने का प्रबंध नगर निगम करता है।

इन प्रमुख जगहों पर जलते अलाव

गोरखनाथ मंदिर गेट

रेलवे बस स्टेशन

रेलवे रैन बसेरा

जिला अस्पताल गेट के पास

महिला अस्पताल कैंपस

कचहरी बस स्टेशन रैन बसेरा

रेलवे कालोनी पुलिस चौकी के पास

नक्को शाह बाबा मजार

फैक्ट फिगर

नगर के लिए तीन हजार कुंतल लकड़ी करना होता इंतजाम।

नगर निगम लकड़ी पर 20 से 40 रुपए का बजट खर्च करता है।

शहर में अलाव के लिए कम से कम 40 किलो लकड़ी रोजाना दी जाती है।

प्रमुख स्थानों पर 80 किलो से एक कुंतल तक लकड़ी की होती खपत।

निगम के कर्मचारी रोजाना लिस्ट लेकर चिन्हित जगहों पर लकड़ी पहुंचाते हैं।

Posted By: Inextlive