- जारी हुआ फरमान तो दरोगा हुए हैरान परेशान - लॉकडाउन में पेंडिंग मुकदमों के निस्तारण का दबाव GORAKHPUR: लॉकडाउन में मुकदमे की फाइलों को आलमारी में रखकर भूल चुके इंस्पेक्टर-दरोगा जमी धूल हटाने में लग गए हैं. दर्ज मुकदमों के निस्तारण का निर्देश जारी होने पर सभी विवेचक हरकत में आ गए हैं. लॉकडाउन

- जारी हुआ फरमान तो दरोगा हुए हैरान, परेशान

- लॉकडाउन में पेंडिंग मुकदमों के निस्तारण का दबाव

GORAKHPUR:

लॉकडाउन में मुकदमे की फाइलों को आलमारी में रखकर भूल चुके इंस्पेक्टर-दरोगा जमी धूल हटाने में लग गए हैं। दर्ज मुकदमों के निस्तारण का निर्देश जारी होने पर सभी विवेचक हरकत में आ गए हैं। लॉकडाउन में चेक पोस्ट बैरियर, हॉट स्पॉट और पब्लिक की मददगार बनी पुलिस का ध्यान विवेचना के कामों से हट गया था। कोर्ट में कामकाज शुरू होने पर विवेचनाओं के निस्तारण की आवश्यकता महसूस की गई। इसको देखते हुए एसएसपी ने पेडिंग विवेचनाओं को निपटाने का निर्देश दिया है।

विवेचना पेडिंग होने से मिल रही जमानत जिले में करीब ढाई हजार मुकदमों की विवेचना लंबित है। हर थाना में लॉकडाउन के दौरान भी मुकदमे दर्ज हुए हैं। जबकि पूर्व के मामलों की छानबीन भी चल रही है। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा मुकदमे कैंट थाना में दर्ज किए जाते हैं। जबकि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब-करीब 100 से अधिक मामले हर थाना में पेडिंग चल रहे हैं। इनमें मर्डर, लूट, दहेज हत्या, छिनैती, चोरी सहित अन्य अपराध शामिल हैं। इन मामलों की विवेचना पूरी होने पर चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट तैयार हो सकेगी। मुकदमों की चार्जशीट न लगने से आरोपियों को आसानी से जमानत भी मिल जा रही है। बेलीपार एरिया में ट्रकों की ओवरलोडिंग कराने वाले गैंग की विवेचना सीओ कैंट के पास थी। लेकिन बाद में मामला लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया। लॉकडाउन के कारण विवेचना पेडिंग होने से आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई।

90 दिन का समय निर्धारित, लॉकडाउन से हुआ विलंब

मुकदमों की विवेचना 90 दिन में पूरी करने का नियम है। लेकिन कई बार विवेचक कार्रवाई पूरी नहीं कर पाते हैं। इसका लाभ आरोपियों को मिलता है। चार्जशीट दाखिल करने में हुई देरी की वजह भी पुलिस बताती है। समय से विवचेना पूरी होने से मामलों के निस्तारण में तेजी आती है। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि अप्रैल और मई माह में विवेचना से संबंधित कोई काम नहीं हो सका था। लॉकडाउन के कारण काफी विलंब हुआ। अब कामकाज शुरू होने से जल्द ही कार्रवाई पूरी हो सकेगी। मुकदमों को तेजी से निपटाने के लिए एसएसपी ने हर थाना पर एक विवेचना इकाई बनाई थी जिसे दोबारा काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है। इससे विवेचक हैरान- परेशान होने लगे हैं।

यह जिम्मेदारी निभा रही थी विवेचना इकाई

इसके प्रभारी, थाना पर तैनात इंस्पेक्टर क्राइम तैनात किए गए हैं।

टीम में एक एसआई, एक कांस्टेबल और छह महिला कांस्टेबल की तैनाती।

इंस्पेक्टर क्राइम की अनुपस्थिति में सीनियर सब इंस्पेक्टर के जिम्मे प्रभार रहता है।

विवेचना इकाई को 40 मुकदमों के निस्तारण की जिम्मेदारी दी गई है।

कोर्ट में मामलों की पैरवी भी विवेचना इकाई करेगी। इसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी। जमानतदारों का वेरीफिकेशन और गड़बड़ी पाए जाने पर उनका निरस्तीकरण कराने की प्रक्रिया

लॉकडाउन में विवेचना का काम प्रभावित हुआ था। लेकिन अब सभी विवेचकों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पेडिंग पड़े मामलों का निस्तारण जल्द ही हो जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive