-ओवरलोड ट्रकों से वसूली करने वाले गैंग को एसटीएफ ने पकड़ा

- 14 से अधिक जिलों में चल रहा था अवैध खेल, हर माह अरबों की होती थी वसूली

-18 से अधिक आरटीओ रडार पर, कर्मचारियों में बढ़ी बेचैनी

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर और लोगों की शिकायत के बाद सीएम ने बैठाई थी जांच

GORAKHPUR: पूर्वी उत्तर प्रदेश में ओवरलोडिंग ट्रकों से एक अरब से अधिक रुपए हर माह वसूलने वाले गैंग का पर्दाफाश एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने किया है। गोरखपुर-वाराणसी हाइवे के बेलीपार स्थित ढाबे के संचालक, गैंग के सरगना सहित छह लोगों को पकड़कर पुलिस टीम बड़े नेटवर्क से जुडे आरटीओ अधिकारियों की तलाश में जुटी है। एसटीएफ की कार्रवाई से 18 जिलों के आरटीओ, उनके मातहत सकते में आ गए हैं। करीब छह माह की कड़ी मशक्कत के बाद एसटीएफ को यह कामयाबी मिली।

गिरफ्तार लोगों के पास से लग्जरी गाडि़यां, वसूली वाले नंबर और नाम की 35 डायरी, विभिन्न बैंकों के चेकबुक, गाडि़यों के आरसी पेपर सहित भारी मात्रा में बरामद हुए हैं। इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने समाचारों का प्रकाशन किया था। इसके बाद सीएम आफिस तक पहुंची शिकायत के बाद जांच सेटअप हुई।

एसटीएफ गोरखपुर यूनिट कर रही थी जांच

पूर्वाचल में सक्रिय गैंग के सदस्य ओवरलोडिंग के जरिए करोड़ों रुपए काली कमाई कर रहे थे। इस अवैध कारोबार में आरटीओ अधिकारियों के शामिल होने की शिकायत सीएम ऑफिस को मिली। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण की एसटीएफ यूपी को सौंपी गई। गोरखपुर यूनिट के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह और एसआई एसएन सिंह और आलोक कुमार राय ने जानकारी जुटानी शुरू की। इस दौरान पता लगा कि हाइवे पर ओवरलोडिंग ट्रकों से वसूली करने वाला गैंग है। इसका सरगना धर्मपाल सिंह आरटीओ अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलीभगत कर ट्रकों को पार कराता है। 24 जनवरी को सूचना मिली कि धर्मपाल सिंह अपने बेलीपार स्थित मधुबन ढाबा पर है। वहीं पर मनीष सिंह उर्फ सिब्बू सिंह भी कुछ लोगों से ओवरलोडिंग का पैसा वसूलने में लगा है। टीम ने सभी लोगों को अरेस्ट कर लिया।

आरटीओ, कर्मचारियों के नाम, एकाउंट

पूछताछ में पता लगा कि पूर्वाचल में एक संगठित गिरोह है, जो गोरखपुर, बस्ती, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीर नगर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, आजमगढ़ और मऊ सहित डेढ़ दर्जन जिलों में संबंधित आरटीओ और उनके कर्मचारियों की सहमति से ओवरलोडेड वाहनों को पास कराता है। इसके एवज में ट्रक मालिकों से चार से पांच हजार रुपए की वसूली होती है। वसूली का हिसाब बकायदा माहवार और वार्षिक मेंटेन कर संबंधित विभागों में जाकर हिसाब-किताब किया जाता था। कुछ अधिकारियों को उनका हिस्सा नकद दिया जाता था। जबकि, कुछ ट्रकों की वसूली का पैसा एकाउंट में आता रहता था। ट्रक, डीसीएम, पिकअप सहित अन्य वाहनों से ढाई से पांच हजार रुपए तक की वसूली की जाती थी। ओवलोडिंग ट्रक पास कराने की रकम खुद ही मालिक आकर मधुबन और सिब्बू सिंह ढाबा पर जमा कराते थे। आरटीओ के सिपाहियों और प्राइवेट कर्मचारियों की मदद से रोजाना सैकड़ों वाहन पास कराए जाते थे। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि ट्रकों से अवैध वसूली से संबंधित कागजात, रुपए जमा कराने के प्रमाण, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए बरामद किए गए हैं।

इनको किया गया गिरफ्तार

मधुबन ढाबा के मालिक धर्मपाल सिंह, महरौली, बेलीपार

सिब्बू सिंह ढाबा के मालिक मनीष सिंह उर्फ सिब्बू सिंह, महरौली, बेलीपार

विवेक सिंह उर्फ सिक्कू सिंह, मेहरौली, बेलीपार

शैलेष मल्ल, मेहर, कपरवारघाट, मदनपुर, देवरिया

श्रवण कुमार गौंड, महरौली, बेलीपार

रामसजन पासवान, मेहरौली, बेलीपार

ये हुई बरामदगी

जनपदवार हर माह गाडि़यों से वसूली के संबंध में गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन नंबर

विभिन्न गाडि़यों की आरसी की फोटोकॉपी, डीएम की फोटोकॉपी

35 डायरी जिसमें विभिन्न जनपदों के आरटीओ, उनके विभाग के कर्मचारियों के नाम, बैंकों के एकाउंट नंबर, सहित अन्य जानकारी

वसूली का 28500 रुपया नकद और 12 मोबाइल फोन, दो लग्जरी गाडि़यां

सोशल मीडिया से चल रहा था कारोबार

ओवरलोडेट ट्रकों से वसूली में एक बड़ा नेक्सेस काम कर रहा है। पकड़े गए लोगों के पास से बरामद डायरी और मोबाइल के जरिए पुलिस टीम ने खेल में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर लिया है। उन सभी के नामों के सूची देर रात तक शासन को भेज दी गई। पूछताछ में सामने आया कि वसूली का सारा खेल व्हाट्सअप और फेसबुक के जरिए चल रहा था। टोकन रिलीज करने से लेकर रोजाना की वसूली का कारोबार करने के लिए धर्मपाल का गैंग व्हाट्सएप यूज करता था। एसटीएफ की जांच में 16 जिलों के आरटीओ, उनके कर्मचारियों के संबंध में जानकारी मिली है। पुलिस का कहना है कि इन सभी लोगों को नोटिस भेजकर पक्ष मांगा जाएगा। इस संबंध में एक सूचना लखनऊ भेज दी गई है। शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी। यह भी सामने आया कि मधुबन ढाबा पर चलने वाले इस खेल की वजह से पुलिस और अन्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की आवाभगत होती थी।

नौ साल से चल रहा था खेल

जिले में वाहनों से वसूली का रेट 4500 से 5000 हजार रुपए

रोजाना पास होने वाले ट्रकों की तादाद 90 से लेकर 120 हो जाती थी।

व्हाट्सएप के जरिए मैसेज देकर वाहनों को पास कराया जाता था।

बाहरी आरटीओ के चेक करने पर कोडवर्ड से वाहनों को जहां-तहां ढाबों पर खड़ा करा देते थे।

हर माह ट्रक संचालकों को टोकन मनी जारी होती थी। बिना टोकन मनी वाले पकड़े जाते थे।

पकड़े जाने पर धर्मपाल के जरिए मामला मैनेज होता था। वह रुपए की वसूली करता था।

जांच पड़ताल में धर्मपाल सहित छह लोगों को अरेस्ट किया गया है। 35 डायरी मिली है, जिसमें कई आरटीओ और उनके कर्मचारियों की डिटेल है। इस संबंध में छानबीन की जा रही है। इस गैंग का सरगना मधुबन ढाबा का संचालक धर्मपाल सिंह है। उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर आगे की जांच जारी है।

सत्य प्रकाश सिंह, इंस्पेक्टर, एसटीएफ गोरखपुर

हम लोग समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई करते हैं। इसलिए यहां से किसी का कोई कनेक्शन नहीं मिलेगा। ट्रकों की ओवरलोडिंग कराकर ट्रकों को पास कराने वाला पार्सल ग्रुप होता है। हम लोगों ने कई बार ओवरलोडेड वाहनों का चालान किया है।

डीडी मिश्रा, आरटीओ, इनफोर्समेंट

Posted By: Inextlive