- गोरखपुर से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में खूब होती तस्करी

- बिहार से आने वाली रेलगाडि़यों में ज्यादा होती है बरामदगी

GORAKHPUR: नेपाल बॉर्डर से सटे गोरखपुर में तस्करी के लिए कई साधन आसानी से मुहैया हैं। इनमें सबसे आसान जरिया ट्रेन बनती हैं। जीआरपी और आरपीएफ की सक्रियता के बावजूद ट्रेनों से तस्करी नहीं थम पा रही। आए दिन किसी न किसी ट्रेन से तस्करी का माल बरामद होता है। एसपी जीआरपी का कहना है कि तस्करों पर कार्रवाई के लिए अलर्ट जारी किया गया है। नियमित चेकिंग कराई जाती है।

नेपाल से आती चरस, सोने की खेप

गोरखपुर से होकर गुजरने वाली ट्रेनों में अक्सर तस्करी का माल पकड़ा जाता है। जीआरपी से जुड़े लोगों का कहना है कि ट्रेनों के जरिए सोने, शराब, कपड़े, चरस सहित अन्य कई चीजों की तस्करी आसानी से हो जाती है। ट्रेन के टॉयलेट और जनरल बोगी में लावारिस हाल माल छोड़कर तस्कर दूसरी जगहों पर बैठ जाते हैं। चेकिंग में माल पकड़े जाने पर लावारिस हाल हो जाता है। यदि किसी तरह की चेकिंग से बच गए तो किसी स्टेशन या आउटर पर सामान उतारकर तस्कर फरार हो जाते हैं। ट्रेनों में करीब हर साल चरस की बरामदगी होती है। बिहार से दिल्ली तक चलने वाली ज्यादातर ट्रेनों में चरस, अफीम, सोने-चांदी, गांजा, लौंग, इलायची, मेवा और सुपारी की तस्करी कई बार पकड़ी जा चुकी है।

बनी थी क्यूआरटी, नियमित होती जांच

रेलवे राजकीय पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों में नियमित जांच कराई जाती है। करीब तीन साल पूर्व ट्रेनों में तस्करी बढ़ने पर तत्कालीन एसपी रेलवे गोरखपुर अनुभाग सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने क्यूआरटी का गठन किया था। आरपीएफ के साथ मिलकर क्यूआरटी बिहार से आने वाली ट्रेनों की विशेष जांच पड़ताल करती थी। हालांकि यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। लेकिन छोटी बरामदगी के अलावा कुछ बड़ा हाथ नहीं लग सका है।

इन ट्रेनों में ज्यादा होती बरामदगी

सत्याग्रह एक्सप्रेस

सहरसा गरीब रथ

चंपारण हमसफर

बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस

सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस

नई दिल्ली-जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस

अमृतसर-कटिहार एक्सप्रेस

पूरबिया एक्सप्रेस

वैशाली

गोरखधाम

बापूधाम

शहीद एक्सप्रेस

इन वस्तुओं की होती तस्करी

गोल्ड की तस्करी बिस्कुट और सिक्के के फार्म में की जाती है।

ट्रेनों में अवैध शराब लावारिस हाल में रखकर इधर से उधर भेजी जाती है।

चरस, गांजा जैसी चीजों को ट्रेन के टॉयलेट में बंद करके ले जाया जाता है।

ट्रेनों में मानव तस्करी के मामले भी सामने आ चुके हैं।

मेवा, लौंग, इलाइची सहित अन्य चीजें भी ट्रेन से दूसरी जगह भेजी जाती हैं।

इस साल हुई बरामदगी

2 सितंबर 2019: कस्टम की टीम ने 52 लाख 20 हजार रुपए की तस्करी की सिगरेट पकड़ी। अवध-असाम एक्सप्रेस में माल लदा था।

27 अप्रैल 2019: गोरखधाम ट्रेन में 177 बोतल शराब बरामद हुई। हरियाणा से तस्करी की शराब गोरखपुर लाई जा रही थी।

11 फरवरी 2019: पिपराइच रेलवे स्टेशन के पास सत्याग्रह एक्सप्रेस में 20 किलो नेपाली चरस बरामद हुई। डीआरआई टीम को कामयाबी मिली।

2 फरवरी 2019: जीआरपी टीम ने पूर्वी फुट ब्रिज पर पश्चिमी चंपारण निवासी रामबाबू यादव के बैग में रखा चरस बरामद किया। पुलिस को उसने बताया कि नेपाल से चरस लेकर मुरादाबाद पहुंचाने जा रहा था।

Posted By: Inextlive