गोरखपुर से वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ाने के लिए 100 से 110 तक स्पीड बढ़ाई जाएगी। जहां टै्रक बदलने की होगी जरूरत वहां चेंजिंग की तैयारी...


gorakhpur@inext.co.inGORAKHPUR: गोरखपुर में जल्द तेज रफ्तार ट्रेंस फर्राटा भरती नजर आएंगी. जो ट्रेंस ट्रैक पर दौड़ रही हैं, उनकी रफ्तार बढ़ेगी, तो वहीं दूसरी ओर नई हाई स्पीड ट्रेंस भी एनई रेलवे के ट्रैक पर चलेंगी. इसके लिए एनई रेलवे में कवायद शुरू हो चुकी है. ट्रैक बेहतर होने के बाद दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत भी गोरखपुर के रास्ते चल सकती है और लोगों को कम वक्त में दिल्ली पहुंचने का मौका मिलेगा. फिलहाल ट्रैक को इसके लिए फीजिबल करने में अभी वक्त लगेगा.पहले स्पीड बढ़ाने पर जोर


एनई रेलवे ने जहां हाई स्पीड ट्रेंस दौड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है, तो वहीं उनका ध्यान ट्रैक पर दौड़ रही पुरानी ट्रेंस पर भी है. वैशाली, सप्तक्रांति, संपर्क क्रांति के साथ मुंबई रूट की एलटीटी और कुशीनगर जैसी ट्रेंस भी रफ्तार से फर्राटा भरें, इसके लिए कवायद तेज हो गई हैं. गोरखपुर और लखनऊ रूट पर कई ट्रैक दुरुस्त कराए जा रहे हैं. वहीं नए ट्रैक जहां भी इंस्टॉल किए जा रहे हैं, उन्हें खास तौर पर स्पीड का ध्यान रखकर इंस्टॉल किया जा रहा है.वाराणसी-इलाहाबाद, जल्द बढ़ेगी स्पीड

एनई रेलवे की बात करें तो इलाहाबाद और वाराणसी के बीच स्पीड बढ़ाने की प्रॉसेस करीब-करीब पूरी हो चुकी है. यहां पहले ही ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर रही थी, जिन्हें अब बढ़ाकर 110 तक किया जा रहा है. अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल रहा, तो स्पीड को और बढ़ाया जाएगा, जिसके बाद वंदे भारत जैसी स्पीड वाली ट्रेंस इन रूट्स पर भी दौड़ लगाती हुई नजर अाने लगेंगी.अपग्रेडेड ट्रैक का इस्तेमालरेलवे ने ट्रेंस की स्पीड बढ़ाने के लिए ट्रैक को भी अपग्रेड करने की शुरुआत कर दी है. वर्कशॉप में ट्रैक का वेट अपग्रेड कर 52 से 60 किलो प्रति मीटर कर दिया गया है. इससे ट्रैक में स्थिरता आएगी और स्पीड बढ़ने के बाद भी एक्सिडेंट की संभावना काफी कम हो जाएगी. इतना ही नहीं, नए रेलवे ट्रैक में इस्तेमाल होने वाले लोगों को खास तरह से डिजाइन भी किया जा रहा है, जिससे पटरी से गाडि़यां न उतरें और रेलवे पैसेंजर्स को स्पीड के बाद भी सुरक्षित सफर करा सके.ट्रेंस की स्पीड बढ़ाने की कवायद चल रही है. 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को बढ़ाकर 110 किमी प्रति घंटा किया जाना है. इसके लिए जो भी नए ट्रैक लगाए जा रहे हैं, उनकी क्वालिटी बेहतर है और वेट में भी यह भारी हैं.-पंकज सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Syed Saim Rauf