- छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात थे कौड़ीराम के माहोपार गांव निवासी दंतेश्वर मौर्य

- भाजपा विधायक भीमा मंडावी की सुरक्षा में थे तैनात, बड़हलगंज की टीचर कॉलोनी में रहता है परिवार

GORAKHPUR: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में गोरखपुर का भी एक लाल दंतेश्वर मौर्य शहीद हो गया. वे छत्तीसगढ़ पुलिस में जवान के पद पर तैनात थे. मूलत: कौड़ीराम के माहोपार गांव के रहने वाले दंतेश्वर स्व. रामानुज मौर्य के छोटे बेटे थे. उनकी पत्‍‌नी मीनाक्षी कुशवाहा प्राथमिक विद्यालय बड़हलगंज द्वितीय में सहायक अध्यापिका हैं. वह बड़हलगंज के सिधुआपार गांव में मकान बनवा कर परिवार के साथ रहती हैं.

घर पहुंची सूचना, मचा कोहराम

दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा एरिया के श्यामगिरी हिल्स के पास मंगलवार को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट से वाहन को उड़ा दिया. जिससे मौके पर ही विधायक समेत सुरक्षा में तैनात पांच जवानों की मौत हो गई. इसमें दंतेश्वर मौर्य भी शामिल थे. दंतेश्वर के शहीद होने की सूचना मंगलवार की रात पत्‍‌नी को मिली. सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. जवान के शहीद होने की सूचना होने पर बुधवार सुबह सिधुआपार स्थित आवास पर लोगों की भीड़ जुट गई. मां कलावती देवी और पत्‍‌नी मीनाक्षी का रो-रो कर बुरा हाल है. वह एक माह पूर्व छुट्टी पर घर आए थे.

कमांडो ट्रेनिंग कर चुके थे दंतेश्वर

शहीद जवान दंतेश्वर मौर्य वर्ष 2006-07 में छत्तीगढ़ पुलिस में भर्ती हुए थे. उन्होंने कमांडो ट्रेनिंग भी ली थी. वर्तमान में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की सुरक्षा में तैनात थे. बताया जा रहा है कि गाड़ी दंतेश्वर ही चला रहे थे. दंतेश्वर के शहीद होने की खबर गांव पहुंचते ही इलाके में कोहराम मच गया. पत्‍‌नी मीनाक्षी तो सुधि ही खो चुकी हैं. उनका रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं, बुधवार को आसपास और क्षेत्र के लोगों का शहीद के घर तांता लगा रहा. हृदय विदारक घटना के बारे में जिसने भी सुना उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. जवान मौत की खबर से पूरा इलाका गम में डूब गया है. उनकी मौत की खबर से लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा है. लोगों का कहना है कि वह काफी मिलनसार और खुशमिजाज व्यक्ति थे.

12 अप्रैल को छुट्टी पर आने वाले थे घर

दंतेश्वर की भांजी की शादी 18 अप्रैल को होने वाली है. वह भांजी की शादी में शामिल होने के लिए 12 अप्रैल को छुट्टी पर घर आने वाले थे. मां कलावती देवी शादी की तैयारी के लिए पहले ही बेटी सविता के महराजगंज जिले हल्दी गांव गई हुई थी. घटना की जानकारी होने पर वह सिधुआपार स्थित आवास पर पहुंचीं. शहीद दंतेश्वर के बड़े भाई योगेंद्र मौर्य भी छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा में सुकमा में तैनात हैं.

क्या हुआ नहीं समझ पा रहा नन्हा आग्रह

दंतेश्वर और मीनाक्षी का एक बेटा है आग्रह जो एलकेजी में पढ़ता है. घर में मचे कोहराम के बीच उसकी नन्हीं आखें समझ ही न पा रहीं कि मां क्यों रो रही है. वो मासूम नहीं जानता कि उसके पापा अब कभी नहीं लौटेंगे.

तीन साल पहले पिता का हुआ था निधन

तीन साल पहले दंतेश्वर के पिता रामानुज की मौत हो गई थी. इसके बाद परिवार गांव छोड़ कर बड़हलगंज रहने के लिए चला गया. उनके दोनों बेटे छत्तीसगढ़ पुलिस में थे. बड़ा बेटा सुकमा और छोटा बेटा शहीद दंतेश्वर दंतेवाड़ा में तैनात थे. उनका पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक उनके आवास बड़हलगंज पहुंचने की संभावना है.

Posted By: Syed Saim Rauf