- गोरखपुर में पॉलीथिन बैन के बाद खुद अवेयर हुए लोग

- गाड़ी में परमनेंट रख रहे हैं झोला

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GORAKHPUR
: पॉलीथिन किस तरह से लोगों की परेशानी बढ़ा रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। आए दिन इसकी संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन डिस्पोजल के अरेंजमेंट न हो पाने से प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है। इसको लेकर सरकार ने पहल की, तो अब लोगों ने भी साथ निभाना शुरू कर दिया है। जहां लोग घर से निकलते वक्त झोला साथ लेकर चल रहे हैं, तो वहीं दुकानदारों ने भी बजाए अपना सामान बेचने के लिए पॉलीथिन रखने के खुद लोगों से इसे लाने के लिए बोर्ड लटका दिया है। इसका पॉजिटिव असर यह नजर आने लगा है कि अब ज्यादातर हाथ में झोला नजर आ रहा है, वहीं प्लाटिक का इस्तेमाल भी कम होने लग गया है।

झोला साथ है

गोरखपुराइट्स ने पॉलीथिन फ्री की मुहिम में एक्टिवली हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। गोरखपुर में दौड़ने वाली गाडि़यों में जहां 10 फीसदी पर झोला लटका नजर आ रहा है, तो वहीं कुछ लोगों ने अपनी डिग्गी को भी इसी इस्तेमाल में लाना शुरू कर दिया है और वह बाकायदा इसे खाली करके चल रहे हैं। वहीं महिलाएं भी जो आम तौर पर पर्स के साथ देखी जाती थीं, अपने साथ झोला लिए नजर आ रही हैं। हालत यह है कि पॉलीथिन फ्री जोन बनाने में शहरवासी अब अपना भरपूर सपोर्ट देने में लग गए हैं.

कुछ अब भी एक्सेप्शन मौजूद

एक तरफ जहां लोगों को पॉलीथिन के नुकसान का अहसास हो गया है, वहीं एक धड़ा ऐसा भी है, जो अब भी कुछ लेकर चलने में हिचक रहा है। यही वजह है कि वह दुकानदारों पर पॉलीथिन में सामान देने का दबाव बना रहे हैं और इसके लिए वह कई-कई दुकानों को छान मार रहे हैं। दुकानदारों की भी मजबूरी यह है कि वह ग्राहक तोड़ना नहीं चाहते, लेकिन कार्रवाई के डर से उन्होंने पॉलीथिन रखना बंद कर दिया है और खरीदारों से पॉलीथीन के लिए हाथ जोड़ ले रहे हैं।

 

 

पॉलीथिन बैन एक अच्छा कदम है, इससे एनवायर्नमेंट को काफी सपोर्ट मिलेगा। हमारा धर्म है कि हम इस कॉज को सपोर्ट करें, इसलिए हमने झोला लेकर चलना शुरू कर दिया है।

- विवेक श्रीवास्तव, प्रोफेशनल

 

पॉलीथिन से सभी को नुकसान है, इसको पहले ही बैन हो जाना चाहिए था। इससे खाने के सामानों में भी खतरनाक केमिकल पहुंच जाते हैं, जो हमें काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

- नौशीन अफजल, हाउसवाइफ, सूफीहाता तिवारीपुर

Posted By: Inextlive