- प्रॉपर ट्रैफिक मैनेजमेंट न होने से हो रही हैं मुश्किलें

- शहर में लोग खराब ट्रैफिक के लिए आम आदमी को भी मानते हैं जिम्मेदार

GORAKHPUR: कड़ी धूप हो या कड़ाके की ठंड, अगर जाम का झाम है, तो मुश्किलें पैदा कर ही देता है। खासतौर पर टू व्हीलर से चलने वालों की तो मुश्किलें कई गुना बढ़ जाती हैं। लोगों की मुसीबत का क्या सबब है? उन्हें कौन सी बात सबसे ज्यादा परेशान करती है? इसके लिए वह किसे जिम्मेदार मानते हैं? ट्रैफिक को लेकर आम आदमी को होने वाली मुश्किल और परेशानियों से जुड़े तमाम सवाल लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शहर के लोगों के बीच पहुंची। जब उनके दिल को टटोला गया, तो उनका दर्द सामने आया। लोगों का मानना है कि खराब ट्रैफिक का निजाम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। अगर मैनेजमेंट दुरुस्त कर दिया जाए और गोरखपुर के लिए एक खास रोडमैप तैयार कर दिया जाए, तो जाम के झाम के साथ ट्रैफिक सिस्टम को लेकर होने वाली मुसीबतों से आजादी मिल सकती है।

डिपार्टमेंट से ज्यादा आम आदमी जिम्मेदार

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सर्वे स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल, बिजनेसमैन के बीच हुए, जिनसे सवाल किया गया कि वह खराब ट्रैफिक के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं। इस सर्वे में मेल और फीमेल दोनों ही कैटेगरी के लोग शामिल हुए। जब टोटल डाटा को कनक्लूड किया गया, तो इसके रिजल्ट के मुताबिक फ्ब् परसेंट लोग यह मानते हैं कि खराब ट्रैफिक सिस्टम के लिए पहले यहां के लोग ही जिम्मेदार हैं। बेतरतीब गाडि़यां खड़ी करना, कहीं भी पार्क कर देना, रॉन्ग साइड में एंट्री करा देना जैसी कई आदते हैं, जो जाम का सबब बनती हैं। वहीं दूसरे नंबर पर यहां का पुअर सिस्टम जिम्मेदार है, फ्म् परसेंट लोगों का ऐसा मानना है। बरसों बीत गए हैं, लेकिन अब तक जिम्मेदार इसके लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं कर सके हैं। कई बार सिंगल वे ट्रैफिक किया गया है, कामयाबी भी मिली है और जाम से निजात भी, लेकिन कुछ दिन फॉलो कराने के लिए फिर इसे खत्म कर दिया गया। वहीं फ्0 फीसद लोग अब भी ट्रैफिक डिपार्टमेंट को ही जिम्मेदार मानते हैं।

Posted By: Inextlive