- ट्रैफिक यार्ड में गाड़ी, दोहरा दंड भुगत रही पब्लिक

- तत्काल चालान, शुल्क जमा कराने का नहीं इंतजाम

GORAKHPUR: मैं गोपालगंज, बिहार का रहने वाला हूं। बुधवार को दवा कराने के लिए छात्रसंघ चौराहा के हॉस्पिटल पर आया था। वहां दोपहर में कार उठाकर यार्ड में चली आई। मैं कल से दौड़ रहा हूं कि चालान करके छूट जाए। कल मुझे बताया गया कि साहब आएंगे तो गाड़ी का चालान होकर जुर्माना जमा हो जाएगा। लेकिन कल चालान नहीं हो पाया तो मुझे दूसरे दिन फिर से आना पड़ा। इसमें काफी समय बर्बाद हुआ। मेरा कहना है कि यदि गाड़ी नो पार्किग से उठती है या यार्ड में भेजी जा रही है तो तत्काल जुर्माना लिया जाएगा। एक अपराध का दोहरा दंड क्यों दिया जा रहा है। यह कहना है कुलदीप का जो ट्रैफिक यार्ड से गाड़ी छुड़ाने के लिए भटकते हुए मिले। यह अकेले सिर्फ उनका दर्द नहीं है बल्कि रोजाना उन सभी लोगों को पुलिस कार्रवाई में हलकान होना पड़ता है जिनकी गाड़ी उठकर यार्ड में चली जाती है। जेब में जुर्माना की रकम रखकर लोग भटकते रहते हैं।

घंटों हो जाते बर्बाद

शहर में नो पार्किग, बिना परमिशन के वाहन चलाने, बिना हेलमेट, बगैर कागजात, तीन सवारी सहित कई मामलों में रोजाना पुलिस कार्रवाई करती है। थानों से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक के एक्शन में ऑनलाइन चालान किया जा रहा है। मोबाइल एप के जरिए फोटो खींचकर पुलिस गाडि़यों का चालान काट देती है। लेकिन नो पार्किग में खड़ी गाड़ी के उठने और किसी अन्य अपराध में पुलिस लाइन के यार्ड में गाड़ी पहुंच गई तो परेशानी बढ़ जाती है। मौके पर चालान कटने का इंतजाम न होने से लोगों को यार्ड का चक्कर लगाना पड़ता है। बात सिर्फ एक दो चक्कर लगाने पर खत्म हो जाती तो लोग परेशान नहीं होते। यार्ड पर पहुंची गाड़ी को छुड़ाने के लिए आरोपित को घंटों चालान होने का इंतजार करना पड़ता है। इस चक्कर में यदि सुबह गाड़ी उठ गई हो शाम होना तय है। इस चक्कर में उस दिन का कोई काम नहीं हो पाता। यार्ड पर ड्यूटी करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि यहीं बैठकर इंतजार करिए। साहब जब आएंगे तब चालान काटकर जुर्माना लिया जाएगा।

ट्रैफिक से लेकर थानों तक का हाल

ऑनलाइन चालान काटने की व्यवस्था होने से सभी ट्रैफिक के साथ-साथ थानों की पुलिस भी चालान काटती है। यदि शहर में किसी जगह नो पार्किग में खड़ी गाड़ी यार्ड में भेज दी गई है तो गाड़ी उठवाने वाले दरोगा के वहां पहुंचने पर ही चालान बनेगा। थानों के दरोगाओं से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक यही हाल है। वह लोग मौके से गाडि़यां पकड़कर यार्ड तो भेज देते हैं लेकिन खुद घंटों बाद पहुंचते हैं। इस चक्कर में पब्लिक का जरूरी काम नहीं हो पाता।

पब्लिक को यह होती प्रॉब्लम

- यार्ड में गाड़ी भेजे जाने पर लोग किसी तरह से पहुंचते हैं।

- वहां तत्काल चालान काटकर जुर्माना जमा कराने की व्यवस्था नहीं है।

- यार्ड में मौजूद कर्मचारी बताते हैं कि चालान तभी हो पाएगा जब साहब आएंगे।

- गाड़ी छुड़ाने के चक्कर में लोगों को घंटों सक्षम अधिकारी के पहुंचने का इंतजार करना पड़ता है।

- एक दिन में चालान की कार्रवाई पूरी न होने पर दूसरे दिन भी लोग यार्ड से लेकर ट्रैफिक कार्यालय तक भटकते हैं।

- चालान का शमन शुल्क जमा कराने के साथ-साथ लोगों को मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ती है।

यह होना चाहिए इंतजाम

- यार्ड पर गाड़ी पहुंचने पर तत्काल चालान काटकर जुर्माना वसूल किया जाएगा।

- यार्ड की क्रेन का शुल्क जमा कराकर व्हीकल को रिलीज कर दिया जाना चाहिए।

- यार्ड पर ऐसे सक्षम अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए जो तत्काल कार्रवाई में सक्षम हो।

- ऑनलाइन चालान का रिकॉर्ड होता है। उसका जुर्माना जमा कराने के लिए समय मिलता है।

- तत्काल वाहन रिलीज होने से किसी को बेवजह परेशान नहीं होना पड़ेगा। ट्रैफिक नियम के उल्लंघन में उसे दोहरा दंड नहीं भुगतना पड़ेगा।

माह चालान जुर्माना रुपए

15 जून तक 4410 4872500

मई 14693 17094000

अप्रैल 19409 24246600

मार्च 11105 16961900

फरवरी 11086 17313200

जनवरी 5219 7813400

वर्जन

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। चालान काटकर शमन शुल्क वसूल किया जाता है। यार्ड में गाड़ी पहुंचने पर ही चालान काटने की व्यवस्था है।

आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive