- 14 अगस्त को कुपवाड़ा के पास लगी गोली, 22 अगस्त को जम्मू में हुई मौत

- 1995 में हुई थी सेना में भर्ती, गोरखा रेजीमेंट में मिली थी ज्वाइनिंग

GORAKHPUR: यूं तो जिंदगी की तरह मौत भी जीवन का एक अहम हिस्सा है, लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो मौत के बाद भी हमारी यादों में, हमारी बातों में जिंदा रहते हैं। ऐसे ही कुछ खास लोगों में शामिल हैं गोरखपुर बिछिया कॉलोनी के रहने वाले राईफल मैन शिव सिंह क्षेत्री उर्फ दीपू, जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। भले ही दीपू हमें छोड़कर जा चुके हैं, मगर कारगिल फतह का वह खास दिन पास आने पर गोरखपुराइट्स के दिलों में उनकी यादें ताजा हो जाती हैं और सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

नेहरू इंटर कॉलेज से हाईस्कूल

कारगिल में शहीद होने वाले गोरखपुर के एक मात्र युवक शिव सिंह छेत्री का बचपन बिछिया में बीता है। 10वीं तक की पढ़ाई नेहरू इंटर कॉलेज से करने के बाद इंटरमीडिएट करने के लिए उन्होंने एमपी इंटर कॉलेज को चुना। अपने बैच में सबसे होनहार छात्र के रूप शिव सिंह छेत्री अपने टीचर्स और दोस्तों के बीच बने रहते थे। हमेशा अपने दोस्तों के साथ मदद के लिए एक कदम आगे बढ़कर भाग भी लेते रहते थे।

बचपन से ही सेना में जाने का था शौक

बचपन से सेना में जाने की इच्छा रखने वाले शिव सिंह छेत्री ने जब 11वीं में एडमिशन लिया तो इस दौरान उनके पिता की बनारस में पोस्टिंग हो गई। शिव भी पढ़ाई छोड़कर अपने पिता के पास बनारस चले गए। वहां पहुंचे और पिता से कहा कि हमें भी सेना में भर्ती होना है। उस समय बनारस में गोरखा रेजीमेंट में भर्ती चल रही थी। एक अक्टूबर 1995 में शिव सिंह छेत्री ने टेस्ट दिया और उनकी भर्ती गोरखा रेजीमेंट में हो गई।

1999 में शहीद हुआ था दीपू

दीपू के पिता गोपाल सिंह बताते हैं कि शिव सिंह छेत्री आखिरी बार आशीर्वाद लेकर ड्यूटी पर जाते बेटे का चेहरा उन्हें आज भी याद है। मां कहती हैं, 'बेटे के जाने का गम तो है लेकिन देश के लिए उसने जो कर दिखाया उस पर गर्व भी है। शिव सिंह 'छेत्री' को 14 अगस्त को कुपवाड़ा सेक्टर में गोली लगी थी। 22 अगस्त को सेना के हास्पिटल में उनकी मौत हुई। शहादत के वक्त वह महज 23 साल के थे।

शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़े थे गोरखपुराइट्स

बहन - बीना और रेनू

शहीद शिव सिंह छेत्री के अंतिम दर्शन को पूरा गोरखपुराइट्स उमड़ पड़ा था। बाद में उनके नाम पर बिछिया में मुख्य मार्ग बनाया गया। एक जुलाई 2001 को उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह प्रतिमा आज भी शहर के नौजवानों को देश के लिए मर-मिटने की प्रेरणा देती है।

शहीद 'दीपू' का परिचय

नाम - शिव सिंह छेत्री उर्फ दीपू

योग्यता - 10 वीं पास

पता - जंगल तुलसी राम, सर्वोदय नगर बिछिया, गोरखपुर

आर्मी में भर्ती - 1995 में

आर्मी में ट्रेनिंग - 39 जीटीसी, वाराणसी

पहली पोस्टिंग - 4-9 जीआर गलेशियर, इसके बाद कानपुर यूनिट में आ गई, कानपुर के डेपूटेशन में 32आरआर (राष्ट्रीय राइफल) नागालैंड के लिए भेजा गया।

कब हई लड़ाई - 1999 में 32 आरआर नागालैंड से कश्मीर कुपवाड़ा भेजा गया।

हादसा - एंबुस (घात लगाना) के दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली, उसके बाद इनकों एक गोली सिर में लगी। आठ दिन तक जम्मू एमएच में एडमिट रहे।

फैमिली परिचय

पिता का नाम - गोपाल सिंह रिटायर्ड नायब सुबेदार

मां का नाम - गीता देवी

बड़ा भाई - दीपक सिंह

छोटा भाई - दिनेश सिंह

Posted By: Inextlive