GORAKHPUR: पब्लिक को बेस्ट बैंकिंग एक्सपीरियंस देने के दावे करने वाले बैंक, गोरखपुराइट्स को उल्टा परेशान करने में जुटे हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि आईजीआरएस पोर्टल पर पड़ीं बैंकिंग से जुड़ी कंप्लेंस के आंकड़ें बयां कर रहे हैं। एसबीआई, पूर्वाचल, सिंडिकेट बैंक आदि से जुड़ीं 2142 कंप्लेंसपिछले छह महीने में यूपी गवर्नमेंट के आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज हुई हैं। जिनमें 2089 निस्तारित कर दिए गए हैं, जबकि दो मामले डिफॉल्टर हैं और 51 मामले पेंडिंग में पड़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा शिकायतें एसबीआई ब्रांचेज से जुड़ी हैं जिनका निस्तारण बैंक इंप्लॉइज ने अब तक नहीं किया है। जिसके चलते लोग अब आईजीआरएस पोर्टल के जरिए डीएम से निस्तारण की गुहार लगा रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन के अंतर्गत आने वाले ई-डिस्ट्रिक्ट डिपार्टमेंट के जिम्मेदार संबंधित बैंकों के अधिकारियों को कॉल कर मामले शॉर्ट आउट करने को कह रहे हैं।

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कलेक्ट्रेट स्थित ई-डिस्ट्रिक्ट में बनाए गए आईजीआरएस सेंटर पर अभी तक बैंकों से जुड़े कुल 2142 मामले आए हैं। इनमें से 2089 निस्तारित कर दिए गए हैं। जबकि दो मामले डिफॉल्टर हैं और 51 मामले पेंडिंग में पड़े हैं। किसी भी मामले के निस्तारण के लिए 10-15 दिन का निर्धारित समय दिया गया है। राजस्व से जुड़े हुए मामले जहां जल्दी निस्तारित हो जाते हैं, वहीं बैंकिंग व डाक विभाग के मामले में अधिकारी उदासीन नजर आ रहे हैं। बैंकिंग से जुड़े मामलों की बात करें तो डीएम ऑफिस के लैंडलाइन नंबर से ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर नीरज ने कई बार संबंधित बैंक के अधिकारियों को कॉल कर निस्तारित करने के लिए रिक्वेस्ट किया लेकिन 51 मामलों का अब भी निस्तारण नहीं हो सका है।

कमिश्नर ने दिया है अल्टीमेटम

ई-डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में आने वाले जितने भी मामले हैंउन्हें निस्तारित करने के लिए टीम लगाई गई है। सभी मामलों के निस्तारण के लिए कमिश्नर व डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे समय से निस्तारण कराएं। कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने तो यहां तक कह दिया है कि किसी भी डिपार्टमेंट का मामला डिफॉल्टर पाया गया तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई तय है।

केस 1

केदारनाथ गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई है कि एटीएम में पैसा निकालने के लिए एटीएम कार्ड लगाने के बाद पैसा नहीं निकला जबकि खाते से पैसा काट लिया गया। बैंक से संपर्क करने पर कोई मदद नहीं मिला इसलिए मजबूरन आईजीआरएस पर कंप्लेन की। इसके बावजूद राहत नहीं मिल सकी।

केस 2

सुमित कुमार श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई है कि 30 सितंबर 2017 को बैंक खाते से एनआईओएस बोर्ड को डीएलएड की फीस के रूप में बैंक चार्ज सहित 4545 रुपए अदा किए। लेकिन पैसा एनआईओएस जमा भी नहीं हुआ है और बैक कर्मी से पूछे जाने पर उसने बताया कि ऑटोमैटिक आपके खाते में पैसा वापस आ जाएगा लेकिन आया नहीं। काफी भागदौड़ की गई लेकिन नहीं मिला। यह मामला एसबीआई रेलवे कॉलोनी की ब्रांच का है।

केस 3

सूबा बाजार के रहने वाले संदीप कुमार बताते हैं कि पूर्वाचल बैंक में राजवंशी का खाता था। उसकी मौत के बाद धोखे से बैंक वालों ने उनके बेटे श्री राम उजागिर मिश्रा को राजवंशी के पैसे का भुगतान कर दिया। इसकी शिकायत भी 26 जून 2018 को की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

केस 4

गिरधरपुर के रहने वाले विवेक नायक बताते हैं कि उनका खाता एसबीआई जगदीशपुर ब्रांच में है। वे खाते से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं और ना ही जमा कर पा रहे हैं। बैंक कर्मिचारियों द्वारा पूछे जाने पर आठ महीने से दौड़ाया जा रहा है। उपर से दु‌र्व्यवहार भी किया जा रहा है।

वर्जन

आईजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। इसके लिए एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल के अधिकारी संबंधित ब्रांच मैनेजर को निर्देशित कर शॉर्ट आउट करवाते हैं।

अमित शुक्ला, एजीएम, एसबीआई

आईजीआरएस पोर्टल पर जितने भी मामले आते हैं उन सभी के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। रहा सवाल बैंक से संबंधित शिकायतों के निस्तारण का तो उसके लिए भी संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

के विजयेंद्र पांडियन, डीएम

Posted By: Inextlive