-संस्कृत यूनिवर्सिटी के सरस्वती भवन लाइब्रेरी का किया अवलोकन

-पांडुलिपियों के संरक्षण व डिजिटलाइजेशन की ली जानकारी

VARANASI

गवर्नर/कुलाधिपति राम नाईक ने गुरुवार को संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के सरस्वती भवन लाइब्रेरी में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों के रूप में बौद्धिक खजाना देखा। श्रीमद्भगवतगीता देखकर राज्यपाल भाव-विभोर हो गए। श्रीमद्भगवतगीता देश की प्राचीनतम पांडुलिपियों में से एक हैं। यह हस्तलिखित पांडुलिपि करीब एक हजार साल प्राचीन है। इस दौरान उन्होंने पांडुलिपियों के संरक्षण व डिजिटलाइजेशन के संबंध में वीसी से जानकारी ली। वीसी प्रो। राजाराम शुक्ल ने बताया कि पांडुलिपियों के डिजिटलाइजेशन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

छात्रों ने सौंपा पत्रक

लाइब्रेरी से बाहर निकलते समय छात्रों से राज्यपाल को एक पत्रक भी सौंपा। इसमें लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण्,परिसर वाई-फाई करने, छात्रावासों की समस्याओं का समाधान करने सहित अन्य मुद्दे उठाए गया था। इस दौरान उन्होंने समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया।

खिलाडि़यों से भी मिले

इस दौरान कुलाधिपति अखिल भारतीय अंतर्विश्वविद्यालयीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के विजेताओं से भी मिले। राज्यपाल ने उन्हें बधाई दी और उनके साथ फोटो भी खिंचवायी। प्रतियोगिता में शिवम केशरी, आशुतोष कुमार मिश्र व प्रीति को दो रजत, तीन कांस्य पदक मिला था।

Posted By: Inextlive