-कमिश्नर ने टूडि़यागंज स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण किया

-दिन में केवल 8 और रात में 97 मरीज आए दिखाने

-अस्पताल में काम काज का लेखा-जोखा मेनटेन नहीं

LUCKNOW: टुडि़यागंज आयुर्वेदिक कॉलेज व चिकित्सालय का हाल देख कमिश्नर महेश कुमार गुप्ता भी हैरान रह गए। कैम्पस में बड़ी-बड़ी घास, अस्पताल के काम काज का लेखा-जोखा मेनटेन नहीं, कुछ भी रिका‌र्ड्स में दर्ज नहीं किया जा रहा सहित अन्य अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि दिन में केवल 8 मरीज पहुंचे और रात में 97 मरीज दिखाने के लिए आए थे।

हर कमरे का किया निरीक्षण

कमिश्नर महेश कुमार गुप्ता मंगलवार को राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय टुडि़यागंज का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने लेखा, आउट डोर, इन डोर, पाकशाला, ओटी, लेबर रूम आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों की व्यक्तिगत पत्रावलियो के रखरखाव कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश पत्रावली, पंजिका, उपस्थिति पंजिका, सर्विस बुक व जीपीएफ पासबु सहित अन्य विभागीय अभिलेखों का अवलोकन कर जानकारी ली। अभिलेखों से सम्बन्धित कोई भी अंकन न होने पर नराजगी व्यक्त की। पूरे चिकित्सालय कैम्पस में भरी गंदगी वह बिफर पड़े और पूछा कि सफाई के काम क्या परेशानी है। जिसमें पर उन्होंने बताया गया कि फ्भ् स्वीपर के पद हैं जिसमें से क्ब् खाली हैं। उन्होंने संविदा कर्मचारियों और काम कर रहे कर्मचारियों की डिटेल रिपोर्ट मांगी और और चिकित्सालय परिसर में जंगली घास के अगे होने को तुरंत सफाई के आदेश दिए। उन्होंने प्रिंसिपल से पूछा कि आयुर्वेदिक दवाओं की कोई सुगंध नहीं आ रही है। रोगियों को दवा मिलती है या नहीं? इसके बाद जब उन्होंने मरीजों की जानकारी मांगी तो पता चला कि रात में 97 और दिन में केवल 8 मरीज ही दिखाने आए थे। जबकि सबको मालूम है कि आयुर्वेदिक कॉलेज में रात में मरीज कितने आते होंगे। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive