फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बताया कि 2017 में 27 सरकारी बैंक थे अब यह 12 रह जाएंगे। मर्जर से कर्ज देने की लागत कम होगी और बैंकों की इकॉनमी पहले से ज्यादा मजबूत होगी।


नई दिल्ली (पीटीआई)। देश की सुस्त होती इकोनॉमी को संभालने के लिए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 'बिग बैैंक' थ्योरी की घोषणा की। इस थ्योरी के तहत देश के 10 बड़े सरकारी बैैंकों का मर्जर (विलय) करके चार प्रमुख बड़े बैैंक बनाए जाएंगे। इस बार पीएनबी, केनरा, यूनियन और इंडियन बैैंक में छह अन्य बैैंकों का मर्जर किया जाएगा। इनका कुल कारोबार 55.81 लाख करोड़ रुपए का होगा। सीतारमण ने बताया कि 2017 में 27 सरकारी बैंक थे, अब यह 12 रह जाएंगे। मर्जर से कर्ज देने की लागत कम होगी और बैंकों की इकॉनमी पहले से ज्यादा मजबूत होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि 250 करोड़ से ज्यादा के हर कर्ज पर सरकार की पैनी नजर रहेगी। 10 अन्य बैंकों को 55,250 करोड़ की पूंजी भी दी जाएगी।देश में ये 12 सरकारी बैंक होंग* भारतीय स्टेट बैंक * पंजाब नेशनल बैंक* बैंक ऑफ बड़ौदा


* कैनरा बैंक* यूनियन बैंक ऑफ इंडिया* बैंक ऑफ इंडिया* इलाहाबाद बैंक* सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया* इंडियन ओवरसीज बैंक* यूको बैंक* बैंक ऑफ महाराष्ट्र* पंजाब और सिंध बैंकरिटेल लोन ग्रोथ में इजाफ

सीतारमण ने मर्जर की घोषणा करते हुए बताया कि पिछले साल तीन बैंकों के मर्जर से फायदा हुआ और रिटेल लोन ग्रोथ में 25 परसेंट की बढोतरी दर्ज की गई। मर्जर के बाद चार बड़े सरकारी बैैंकों का कुल कारोबार 55.81 लाख करोड़ रुपए का होगा।बैैंकों में नहीं होगी छंटनीफाइनेंस मिनिस्टर ने स्पष्ट किया कि मर्जर प्रक्रिया से बैैंक इम्प्लॉईज की जॉब को कोई खतरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई छंटनी नहीं की जाएगी। बल्कि, मर्जर से कर्मचारियों की सुविधाएं बेहतर होंगी।कस्टमर्स को होगा फायदामर्जर की वजह से कस्टमर्स को भी कोई असुविधा नहीं होगी। बैैंकों से कहा गया है कि बैैंक शाखाओं में पर्याप्त संख्या में अधिकारी और कर्मचारी की व्यवस्था की जाए। जिससे कस्टमर्स को कैश डिपॉजिट या विड्राल समेत दूसरी बैैंकिंग सुविधा लेने में किसी दिक्कत या परेशानी का सामना न करना पड़े।हमारी सरकार 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का कर रही है प्रयासडॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयास कर रही है। बैंकों के मर्जर से किसी भी इम्प्लॉई की नौकरी नहीं जाएगी। बल्कि, इससे बैंकों का कारोबार बढेगा, उनकी बैलेंसशीट मजबूत होगी और इसका पॉजिटिव इम्पैक्ट इम्प्लॉईज पर भी होगा।निर्मला सीतारमण, फाइनेंस मिनिस्टर

Posted By: Mukul Kumar