सूबे में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश के 95 सरकारी विभागों को कम करके 37 किया जाना है।

अहम सुधार किए जाने की बात कही
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LUCKNOW : सूबे के सरकारी विभागों को पुनर्गठित करने का प्रस्ताव को फिलहाल मंजूरी नहीं मिली है। शुक्रवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इस बाबत गठित समिति द्वारा दिए गये प्रस्ताव का प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसमें कुछ और अहम सुधार किए जाने की बात कही। अब मुख्य सचिव एक बार फिर समिति के सदस्यों के साथ इस पर मंथन करेंगे जिसके बाद इसे मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। ध्यान रहे कि सूबे में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश के 95 सरकारी विभागों को कम करके 37 किया जाना है। इसके तहत कई कम महत्व के विभागों को उनसे जुड़े मूल विभागों में शामिल किया जाना है।
समिति ने की कई सिफारिशें
इस बाबत गठित समिति ने चार बैठकें करने के बाद कई अहम सिफारिशें भी की हैं। ध्यान रहे कि समिति में अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गन्ना संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग संतोष यादव, व सचिव नियोजन विभाग नीना शर्मा शामिल हैं। समिति ने जो संस्तुतियां की हैं उनमें शिक्षा आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, राजस्व संसाधन आयुक्त के पदों का सृजन किया जाना शामिल है ताकि शासन स्तर पर नीतिगत फैसले लेने में कोई समस्या न आए। इसके अलावा प्रस्तावित पुनर्गठन को केवल सचिवालय स्तर तक सीमित रखने की बात कही गयी है। समिति ने 95 की जगह 57 विभाग करने की संस्तुति भी की है। इनमें 24 नये विभाग होंगे जबकि 31 पूर्ववत रहेंगे। वहीं दो विभागों का क्षेत्राधिकार कम किये जाने की संस्तुति की गयी है।

ये होगा क्षेत्राधिकार

समिति ने जिस आयुक्त प्रणाली को लागू करने की सिफारिश की है उनमें शिक्षा आयुक्त के अंतर्गत बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, खेलकूद और युवा कल्याण, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा, सेवायोजन को शामिल किया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य आयुक्त के जिम्मे चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, उपभोक्ता संरक्षण तथा बांट एवं माप, आयुष, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार आएंगे। वहीं राजस्व संसाधन आयुक्त के तहत भूतत्व एवं खनिकर्म, परिवहन विभाग, संस्थागत वित्त, बैंकिंग तथा वाहृय सहायतित परियोजना विभाग, स्टांप एवं पंजीकरण, कर एवं निबंधन, मनोरंजन कर एवं वाणिज्य कर तथा आबकारी आएंगे।
इन 31 विभागों को यथावत रखने की संस्तुति
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास, सहकारिता, सिंचाई एवं जल संसाधन, राजस्व, भूतत्व एवं खनिकर्म, लोक निर्माण, परिवहन विभाग, शिक्षा (बेसिक), शिक्षा (माध्यमिक), चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण, आयुष, चिकित्सा शिक्षा, पिछड़ा वर्ग कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, वित्त विभाग, स्टांप एवं पंजीकरण, सूचना, आबकारी, सतर्कता, सार्वजनिक उद्यम, कारागार प्रशासन एवं सुधार, निर्वाचन विभाग, सचिवालय प्रशासन, न्याय, संसदीय कार्य, विधायी, विधान परिषद सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय।  

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Posted By: Shweta Mishra