देहरादून: सरकारी अस्पतालों के आवासीय परिसरों में रहने वाले डॉक्टर और कर्मचारी मुफ्त में बिजली और पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका लाखों का भुगतान अस्पतालों को करना पड़ रहा है। ताज्जुब ये कि स्वास्थ्य महानिदेशालय की सख्ती के बावजूद यह लोग बाज नहीं आ रहे। पूर्व डीजी हेल्थ ने इसे वित्तीय अनियमितता मान वसूली तक के आदेश दिए पर स्थिति ढाक के तीन पात ही रही। अब एक बार फिर स्वास्थ्य महानिदेशालय ने प्रदेशभर के अस्पतालों को पत्र भेजा है। अस्पतालों को बजट तक रोकने की चेतावनी दी है।

दरअसल, कई जगह आवासीय परिसर में हॉस्पिटल के कनेक्शन से ही बिजली दी जा रही है। साथ ही अस्पताल के टैंक से ही पानी की सप्लाई भी की जाती है। अस्पताल को व्यावसायिक दर पर बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है, जबकि ये आवासीय भवन हैं, जिनमें घरेलू कनेक्शन होना चाहिए।

डीजी के आदेश भी नहीं माने

पूर्व में डीजी कार्यालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि पानी के लिए हर भवन से 120 रुपये महीना वसूली की जाए और घरेलू बिजली कनेक्शन दिलाकर पूर्व का चार्ज भी इनसे लिया जाएड पर इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर अब महानिदेशक डॉ। आरके पांडे ने फिर एक बार सख्त निर्देश जारी किए हैं। अस्पताल प्रशासन को इस बात का प्रमाण देना होगा कि आवासीय परिसर में सभी कर्मचारियों ने व्यक्तिगत विद्युत संयोजन लिया है। इसका भुगतान अस्पताल स्तर से नहीं किया जा रहा है। अन्यथा अस्पताल का बजट रोक मामला शासन को भेज दिया जाएगा।

एक सप्ताह में कट जाएगी बिजली

कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 16 आवासीय भवन हैं। इन भवनों में अस्पताल के कनेक्शन से ही बिजली दी जा रही है। साथ ही अस्पताल के टैंक से ही इन्हें पानी की सप्लाई होती है। अस्पताल के सीएमएस डॉ। बीसी रमोला के अनुसार महानिदेशालय के निर्देश पर कार्मिकों को नोटिस दिया गया था। उन्होंने व्यक्तिगत विद्युत कनेक्शन के लिए एक माह का समय मांगा। पर इस बाद भी निर्देशों पर अमल नहीं हुआ। ऐसे में उन्हें पुन: नोटिस जारी किया गया है। एक सप्ताह में कनेक्शन न लेने पर अस्पताल से उनकी बिजली काट दी जाएगी।

Posted By: Inextlive