- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला पर बिजली की दिक्कत

- जनरेटर ना चलने से दवाएं हो रहीं खराब

- वार्डो सहित कर्मचारी भी अंधेरे में रहने को मजबूर

GOLA BAZAR: स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए लगा जनरेटर शोपीस बनकर रह गया है। कई महीनों से बंद रहने के कारण जनरेटर पर जंग लगना शुरू हो गया है। हाल ये है कि लंबी बिजली कटौती के अलावा जनरेटर बंद रहने से मरीजों सहित अस्पताल परिसर में रहने वाले कर्मचारियों की सांसत हो गई है। वहीं। फ्रीज कर रखी गई दवाएं भी गर्मी से खराब हो रही हैं। दूसरी तरफ जिम्मेदार हैं कि समस्या पर ध्यान ही नहीं दे रहे।

कुछ ही दिन चला

लगभग तीन वर्ष पूर्व सीएचसी की सभी विद्युत संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए 25 केवीए क्षमता का जनरेटर आया। कई महीने तक अस्पताल के सामने ही पड़ा रहा। बाद में काफी होहल्ला मचने के बाद इसे लगाया गया। लगने के बाद कुछ दिन तक तो जनरेटर से विद्युत आपूर्ति की गई। लेकिन इसके बाद अचानक इसका उपयोग बंद कर दिया गया। इसके बदले एक छोटे जनरेटर व इनवर्टर के भरोसे अस्पताल की व्यवस्था चल रही है।

वार्डो में छाया अंधेरा

इस अस्पताल में चिकित्सक व कार्यालय के कक्षों के अलावा ओटी, लेबर रूम, एक्स रे, जच्चा-बच्चा वार्ड, सामान्य वार्ड, जेई वार्ड, वैक्सीन रूम, वैक्सीन फ्रीज व होम्योपैथिक चिकित्सालय स्थित है। इसके अतिरिक्त चिकित्सकों व कर्मचारियों के आवास भी हैं। एक छोटे जनरेटर के भरोसे पूरे सीएचसी में विद्युत आपूर्ति संभव नहीं है। हाल ये है कि लाइट कटौती के समय छोटा जनरेटर चलाकर किसी तरह दवाओं को बचाया जाता है। छोटे जनरेटर से एक्स रे मशीन चलने में असुविधा होती है। वहीं, रात में जनरेटर के अभाव में पूरे अस्पताल व परिसर में अंधेरा छाया रहता है। इस कारण अस्पताल के पीछे आवासीय परिसर में रहने वाले कर्मचारी रात को अस्पताल आने में कतराते हैं।

खराब हो रही दवाएं

अस्पताल में बिजली ना होने से यहां रखी जरूरी दवाएं भी खराब हो रही हैं। कई दवाएं जिन्हें फ्रीज के जरिए ठंडा रखना जरूरी है, बिजली के बिना खराब हो जा रही हैं। दवाएं खराब होने के चलते मरीजों के इलाज में खी दिक्कत आ रही है। इस कारण डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी काफी परेशान हैं। वहीं, बिजली के बिना यहां भर्ती मरीजों की तो सबसे ज्यादा सांसत है। वार्डो में पंखा ना चलने से मरीज बेहाल रहते हैं। बिजली नहीं आने पर दिन के समय चिकित्सकों के कमरों में भी पंखे नहीं चल पाते हैं। इस समस्या की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।

वर्जन

ऐसा नहीं है कि जनरेटर बंद रहता है। जरूरत पड़ने पर चलाया जाता है। अधिकांश कार्य छोटे जनरेटर से ही हो जाता है।

- डॉ। राहुल, सीएचसी कार्यवाहक अधीक्षक

Posted By: Inextlive