- विस सत्र में मंत्रियों का अधूरा होमवर्क बना सरकार की फजीहत का कारण

-प्रश्नकाल के दौरा मुख्यमंत्री हरीश रावत को खुद मोर्चा संभालना पड़ा

DEHRADUN : विधानसभा सत्र में मंत्रियों का अधूरा होमवर्क एक बार फिर सरकार की फजीहत का कारण बना। सदन में प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा व सेवायोजन पर पूछे गए अनुपूरक प्रश्नों पर विभागीय मंत्रियों के जवाब विपक्ष को संतुष्ट नहीं कर पाए। नतीजतन, नेता सदन व मुख्यमंत्री हरीश रावत को खुद मोर्चा संभालना पड़ा।

फ्0 बच्चों पर मात्र एक शिक्षक

फ्राइडे को प्रश्नकाल में भाजपा विधायक मदन कौशिक की ओर से पूछे गए अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक स्तर पर फ्0 :क् का अनुपात निर्धारित किया गया है। हरिद्वार को छोड़कर शेष स्थानों पर मानकों के अनुसार शिक्षक तैनात हैं। इस पर श्री कौशिक ने सवाल किया कि प्रदेश में कितने अध्यापकों के पद सृजित हैं और कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस पर शिक्षा मंत्री जवाब नहीं दे पाए। हालांकि उन्होंने हरिद्वार में शिक्षकों की कमी को सुप्रीम कोर्ट का मामला बताया। इस पर विपक्ष ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। विपक्ष का कहना था कि जो सवाल पूछा गया है उसका उत्तर नहीं आ रहा है। हंगामा बढ़ता देख मुख्यमंत्री हरीश रावत को खुद ही मोर्चा संभालना पड़ा।

मंत्री नहीं आए तैयारी से

मुख्यमंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि नेता सदन को खड़ा होना पड़ रहा है फिर भी उत्तर नहीं आ पाया है। संभव है कि मंत्री पूरी तैयारी के साथ नहीं आए हैं। यदि लिखित सूचना ही देनी है तो फिर सदन में आने का क्या फायदा। इसके बाद विपक्ष ने सरकार की ओर से दिए गए फ्0 विद्यार्थियों पर दिए गए एक शिक्षक के अनुपात को गलत बताया और कहा कि कई स्थानों पर शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। मामला बढ़ता देख पीठ ने भोजनावकाश के बाद शिक्षक व छात्रों की संख्या सदन में रखने के निर्देश दिए।

सीएम उतरे मंत्री के बचाव में

कुछ देर बाद विपक्ष ने सरकार को एक बार और घेरा। मसूरी विधायक गणेश जोशी की ओर से सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को कौशल भत्ता दिए जाने का सवाल पूछा गया। बताया गया कि प्रदेश में अभी तक ख्भ्9फ्ख् लोगों को यह भत्ता दिया जा चुका है और बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सेवायोजन मेलों का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में विपक्ष ने सवाल किया कि रोजगार मेले कहां-कहां लगाए जा रहे हैं। इस पर मंत्री जवाब नहीं दे पाए। सीएम को रावत को एक बार फिर अपने मंत्री के बचाव में उतरना पड़ा। उन्होंने कहा कि रोजगार मेले लगाए जाते हैं और भविष्य में इनका प्रचार व प्रसार भी किया जाएगा। प्रदेश में तकरीबन 8.म्भ् लाख लोग सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत हैं।

मात्र ख्भ् हजार को भत्ता क्यों?

विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरते हुए कहा कि इसके सापेक्ष केवल ख्भ् हजार लोगों को भत्ता दिया जा रहा है, ये संख्या तकरीबन चार प्रतिशत बैठती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश पंजीकृत बेरोजगारों को भत्ता देने की है। बेरोजगारी भत्ते के लिए फ्ब्880 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें फ्ख् हजार लोग ही शर्तो को पूरा कर पाए। इनमें से सरकार ने ख्भ् हजार से अधिक लोग को भत्ता दिया है। यह प्रतिशत काफी अच्छा है। इसके बाद सदन में विधायक नवप्रभात ने कुंभ मेले में स्थाई संपत्ति सृजन के लिए स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष कार्य अपूर्ण रह जाने का सवाल उठाया। इसका लिखित जवाब ही पढ़ा गया।

Posted By: Inextlive