कैटल कॉलोनी को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने सुनाया एमडीए को फरमान

सरधना, मवाना और सदर तहसील के एसडीएम को लिखा जमीन उपलब्ध कराने के लिए लेटर

Meerut । मेरठ शहर से डेयरियों को हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार को आवास एवं शहरी विकास विभाग की बैठक में प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने एमडीए वीसी साहब सिंह से कैटल कॉलोनी पर स्थिति तलब की है। एक सप्ताह में कैटल कॉलोनी के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश सरकार ने एमडीए को दिया है।

तलाश रहे जमीन

इस बाबत एमडीए उपाध्यक्ष साहब सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर मवाना, सरधना और सदर तहसील के एसडीएम को कैटल कॉलोनी विकसित करने के लिए जमीन की तलाश के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने कहा कि कैटल कॉलोनी शिफ्टिंग मुद्दे पर सरकार का रवैया संवेदनहीन है। कोर्ट के आदेश के बाद भी शहर में धड़ल्ले से डेयरियों का संचालन हो रहा है।

आदेशों पर भारी नाफरमानी

आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना की जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल मेरठ में चल रहीं डेयरियों को शिफ्ट करने का अलग-अलग आदेश जारी कर चुके हैं। बावजूद इसे न तो डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट किया जा सका और न ही नालों में गोबर का गिरना बंद हुआ है। ऐसे में आरटीआई एक्टिविस्ट ने एक बार फिर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल कर प्रदेश के सभी शहरों से डेयरियों को बाहर ले जाने की मांग की, जिसपर हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए जल्द से जल्द कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए। पीआईएल में आरटीआई एक्टिविस्ट ने शासन में संबंधित सभी विभागों के प्रमुख सचिव समेत सरकार को पार्टी बनाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार हरकत में आई और शुक्रवार को आवास एवं शहरी विकास विभाग ने सभी प्राधिकरण के साथ बैठक तलब की।

दूरदराज शिफ्ट होंगी डेयरियां

शुक्रवार को लखनऊ में आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने आयोजित बैठक में मेरठ विकास प्राधिकरण समेत समस्त प्राधिकरणों से डेयरी शिफ्टिंग को प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की। जिस पर मालूम चला कि न तो एमडीए और न ही नगर निगम ने मेरठ में डेयरियों को शिफ्टिंग के लिए कोई ठोस कदम उठाया है जबकि अन्य शहरों की ओर से शिफ्टिंग का प्लान तक सरकार में जमा कर दिया गया है। प्रमुख सचिव ने एमडीए वीसी साहब सिंह से प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की जिसपर वीसी ने बताया कि मेरठ के सरधना, मवाना और सदर तहसील के एसडीएम को पत्र लिखकर सरकारी जमीन की तलाश के लिए कहा गया है।

खारिज हो गया पूर्व का प्रस्ताव

पूर्व में कोर्ट के आदेश के बाद एमडीए ने काशी गांव में एक साइट तलाशी थी। करीब 18 हेक्टेयर के इस भूभाग पर कैटल कॉलोनी को शिफ्ट करने के लिए योजना बन ही रही थी कि मेरठ मेट्रो का अड़ंगा लग गया। मेरठ मेट्रो काशी गांव में प्रॉपर्टी डेलवेप कर रहा है, यह जानकारी के बाद एमडीए ने मेरठ मेट्रो (राइटर्स) को एनओसी के लिए लेटर लिखा, जिसका अभी तब जबाव नहीं मिला है। वहीं काशी गांव शहर सीमा में आ रहा, जबकि कोर्ट ने शहर सीमा से बाहर कैटल कॉलोनी को विकसित करने के आदेश दिए थे। ऐसे में काशी गांव में कैटल कालोनी के विकास का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।

शासन में सरगर्मी, साहब कूल-कूल

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अप्रैल 2018 में निदेशक, स्थानीय निकाय निर्देशालय डॉ। अनिल कुमार सिंह ने सभी नगरायुक्तों और जुलाई 2018 में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी विकास प्राधिकरणों से कैटल कॉलोनी की शिफ्टिंग को लेकर प्रगति रिपोर्ट तलब की थी। सूत्रों के मुताबिक मेरठ को छोड़कर सूबे के ज्यादातर नगर निगमों और विकास प्राधिकरणों ने शिफ्टिंग का प्रोजेक्ट शासन को सौंप दिया। शुक्रवार को बैठक में प्रमुख सचिव ने एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट की जानकारी देने के निर्देश प्राधिकरण को दिए हैं।

ये है स्थिति

90 वार्डो में हो रहा डेयरियों का संचालन

2700 अवैध डेयरियों का हो रहा संचालन

116 अवैध डेयरियां चल रहीं हैं कैंट एरिया में

200 मीट्रिक टन गोबर रोजाना नालियों में बहाया जा रहा है।

300 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) ग्राउंड वाटर गोबर बहाने में हो रहा बर्बाद

116 डेयरियों को 15 दिसंबर तक कैंट से शिफ्ट करने के हैं आदेश

Posted By: Inextlive