देश में दालों की बढ़ी कीमत से मच रहे हाहाकार की गूंज सरकार के कानों में पहुंच चुकी है। दालों की भारी किल्‍लत को देखते हुए सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार किया है। यही नहीं अब देश में दालों को बफर स्‍टॉक बनाने का भी प्‍लॉन है।

अरुण जेटली ने की समीक्षा
दालों की भारी किल्लत से पैदा हुई कमरतोड़ महंगाई से निजात दिलाने के लिए सरकार ने कमर कसनी शुरू कर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संबंधित मंत्रालयों व विभागों के आला अफसरों के साथ बैठक कर महंगाई की समीक्षा की। इसमें खासतौर पर दालों की महंगाई पर चर्चा की गई। जेटली ने बैठक के बाद कहा कि सरकार दालों का बफर स्टॉक बनाएगी, ताकि आपूर्ति बढ़ाकर खुले बाजार में बढ़ी कीमतों पर काबू पाया जा सके। बफर स्टॉक के लिए घरेलू बाजारों से होने वाली खरीद के साथ आयातित दालों का भी सहारा लिया जाएगा।

आयातित दाल का सहारा

वित्त मंत्री ने कहा कि बफर स्टॉक के रखरखाव, दलहन से दाल में तब्दील करने, आयात, घरेलू बाजारों में खरीद व ढुलाई के साथ अन्य खर्च मूल्य स्थिरीकरण निधि (प्राइस स्टैबिलाइजेशन फंड) से पूरा किया जाएगा। इससे दालों की कीमतें नहीं बढ़ने पाएंगी। सरकार को उम्मीद है कि हाल ही में किए गए उपायों से दालों की कीमतों में कमी जरूर आएगी। वित्त मंत्री जेटली ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे दाल की आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों पर काबू पाने के लिए आयातित दालें उठाएं। देश में कुल 20 लाख टन दालों की कमी है। इसे जल्दी ही खरीफ की दलहन फसलों की पैदावार व आयात से पूरा कर लिया जाएगा।
अरहर पहुंची 181 रुपये पर
जिंस बाजार में अरहर दाल का खुदरा मूल्य 181 रुपये प्रति किलो के उच्चतम शिखर पर बोला गया। जबकि उड़द का भाव 187 रुपये प्रति किलो को छूने लगा है। इन दोनों दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए राजधानी दिल्ली में सफल और केंद्रीय भंडार की दुकानों से सस्ती दरों पर दालें उपलब्ध कराने का बंदोबस्त किया गया है। आयातित अरहर से दालें बनाने का काम तेजी से हो रहा है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari