सरकार भारत में मोबाइल फोन और उनके कंपोनेंट को बनाने के लिए लगभग 42000 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स पीएलआई पैकेज देने पर विचार कर रही है। इस फैसले से सरकार और कंपनी दोनों को फायदा होगा।

कानपुर। भारत में मोबाइल फोन और उनके कंपोनेंट के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्राइवेट कंपनियों के लिए सबसे बड़ी इंसेंटिव्स स्कीम लाने की तैयारी कर रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इन दिनों भारत में बने प्रोडक्ट्स को प्रोत्साहित करने के लिए लगभग 42,000 करोड़ रुपये का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (पीएलआई) पैकेज देने पर विचार कर रही है। बता दें कि इसके जरिए सरकार पांच साल के दौरान स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं पर 4-6 प्रतिशत का लाभ देने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि इस योजना से आईफोन और गैलक्सी एक्स व नोट सीरीज जैसे बड़े स्मार्टफोन बनाने वाली बाहरी कंपनियों को ज्यादा लाभ होगा।

भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने की तैयारी

बता दें की यह योजना आईटी मंत्रालय द्वारा शुरू की जाएगी और इसे वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों के साथ-साथ नीतीयोग के परामर्श से तैयार की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और कंपोनेंट के विनिर्माण के लिए एक हब बनाना है और चीन व वियतनाम जैसे अन्य विनिर्माण पावरहाउस के साथ खड़ा होना है। वहीं, आईटी मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण क्षेत्र वीजा प्रतिस्पर्धा वाले देशों की कमी का सामना करता है और यह क्षेत्र पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी के कारण 8.5% से 11% की विकलांगता से ग्रस्त है। इसके अलावा यह डोमेस्टिक सप्लाई चेन व लॉजिस्टिक, उत्पादन में अधिक लागत, गुणवत्ता की शक्ति की अपर्याप्त उपलब्धता, सीमित डिजाइन क्षमताओं और उद्योग द्वारा अनुसंधान व विकास पर ध्यान केंद्रित करना और कौशल विकास में अपर्याप्तता से पीड़ित है।'

इस योजना से कई कंपनियों को फायदा

इसके अलावा, सरकार 14,000 रुपये के इनवॉइस मूल्य से ऊपर के फोन की बिक्री पर लार्ज कॉन्ट्रैक्ट निर्माताओं को इस योजना के तहत इंसेंटिव देने की योजना बना रही है। जिन लोगों को लाभ होगा, उनमें फॉक्सकॉन, फ्लेक्स और विस्ट्रॉन जैसे वैश्विक अनुबंध निर्माता शामिल होंगे क्योंकि ये सभी भारत में अपना प्रोडक्ट बना रहे हैं। हालांकि, कुछ कंपनियां जैसे ओप्पो, वीवो और यहां तक कि सैमसंग भी बहुत खुश नहीं हैं क्योंकि इंसेंटिव 14,000 रुपये से अधिक के मूल्य वाले उपकरणों के लिए है और उनके द्वारा बेचे गए अधिकांश फोन इस लागत से कम हैं।

2 लाख नए रोजगार की व्यवस्था

वहीं, सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स आयात के बैलूनिंग बिल में कटौती करना चाहती है। उम्मीद है कि इस योजना के जरिए इन्सेंटिव से मोबाइल फोन और उनके पुर्जों का 8.2 लाख करोड़ रुपये का वृद्धिशील उत्पादन होगा, 5.8 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होगा, जबकि 2 लाख नए रोजगार पैदा होंगे और प्रत्यक्ष कर से सरकारी खजाने में 4,782 करोड़ रुपये का फायदा होगा। एक अन्य सूत्र ने बताया कि योजना की कुल लागत 41792 करोड़ रुपये है और यह शुरू में तीन महीने की अवधि के लिए नए एप्लीकेशन के अप्रूवल के लिए उपलब्ध होगी। यह एक केंद्र प्रायोजित पैकेज होगा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में किसी भी मौजूदा योजनाओं के साथ ओवरलैप नहीं होगा।

Posted By: Mukul Kumar