-शासन ने अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग को किताबें छापने वाली एजेंसी का नाम नहीं भेजा

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नई किताबों की आस लगाए परिषदीय स्कूल्स के नौनिहालों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि शासन अभी तक किताबें छापने वाली एजेंसी का निर्धारण नहीं किया है। इस कारण बेसिक शिक्षा विभाग से डिमांड नहीं मांगी गई है। वहीं संभावना जताई जा रही है कि अगस्त के फ‌र्स्ट वीक में स्टूडेंट्स को नई किताबें मिल सकेंगी।

मई में मांगी जाती थ्ाी डिमांड

सीबीएसई की तर्ज पर अप्रैल माह से परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई थी, लेकिन स्टूडेंट्स को पुरानी किताबों से पढ़ना पड़ा। विभाग और स्टूडेंट्स को उम्मीद थी कि छुट्टियों के बाद जुलाई से जब दोबारा क्लासेज लगेंगी, तब तक नई किताबें छपकर आ जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मालूम हो कि लास्ट ईयर तक शासन बेसिक शिक्षा विभाग को लेटर भेजकर जानकारी दे देता था कि सरकार का किस एजेंसी से अनुबंध किया है। स्टूडेंट्स की संख्या के अनुसार के किताबों की डिमांड एजेंसी को भेजें, ताकि समय से किताबें छपकर मिल सकें। लेकिन इस साल शासन ने करीब आधा जून बीतने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग को यह नहीं पता है कि सरकार ने किस एजेंसी से अनुबंध किया है। इसके साथ ही शासन ने अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग से किताबों की डिमांड नहीं मांगी है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अगस्त माह से पहले नौनिहालों को किताबें नहीं मिल पाएगी।

Posted By: Inextlive