कैशलेस पेमेंट होगा सस्ता करने की तैयारी में सरकार, जानें digital payment के फायदे
आरबीआई ने बढ़ाई थी दरहाल ही में आरबीआई ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) खरीद का .25 प्रतिशत से बढ़ा कर .90 प्रतिशत कर दिया था। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इससे सरकार के डिजिटल अभियान को काफी धक्का लगा है। ऐसे में दुकानदार पीओएस मशीन रखने से कतराने लगे हैं। अभी हर महीने 28 करोड़ तक के पीओएस लेनदेन होते हैं। एक औसत लेनदेन की कीमत करीब 1500 रुपये है। सरकार इस बारे में आरबीआई से एमडीआर घटाने को कहेगी। वहीं बैंक का कहना है कि उसने यह दर सभी पक्षों से बातचीत के बाद तय किया था।
अकसर दुकानदार आपसे छुट्टा न होने का बहाना बनाकर आपके कुछ पैसे मार लेता है। ऐसा महीने में आपके साथ सौ बार हुआ तो 2 से 3 सौ रुपये की चपत लगनी तय है। लेकिन डिजिटल पेमेंट में ऐसा कोई चक्कर नहीं है। आप जितना चाहे पेमेंट कर सकते हैं। ऐसा आपके साथ कई बार हुआ होगा कि आपके हाथ नकली रुपया लग गया होगा और आपने उस नोट से बड़ी मुश्किल से छुटकारा पाया होगा। गलती से बैंक गए तो बैंक नोट जब्त कर लेता है या लाइन खींच कर वापस कर देता है। ऐसे में आपका उतने रुपये की फोकट में चपत लग जाती है। डिजिटल पेमेंट में ऐसा कोई झंझट नहीं रहता।