भारत सरकार ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंज़ूरी दे दी है.


वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग के गठन को स्वीकृति दे दी है."सरकार का ये कदम इस साल नवंबर में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा और अगले साल के आम चुनावों से पहले आया है. इससे लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और लगभग 30 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन पर असर पड़ेगा.वेतन आयोग के पास सिफ़ारिशें पेश करने के लिए करीब दो साल का समय है. यानी आयोग की सिफ़ारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हो सकती हैं.आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम और विभिन्न प्रावधान विचार-विमर्श के बाद जल्द ही घोषित किए जाएंगे.मज़दूर संघों की मांग


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मज़दूर संघों ने आयोग के गठन की घोषणा का स्वागत किया है. लेकिन उनकी ये मांग है कि वेतन आयोग की सिफ़ारिशें एक जनवरी 2011 से लागू होनी चाहिए.

केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष केकेएन कुट्टी ने पीटीआई से कहा, "हम सातवां वेतन आयोग गठित करने के सरकार के कदम का स्वागत करते हैं लेकिन हमारी इस बारे में कुछ चिंताएं हैं. सिफ़ारिशें एक जनवरी 2011 से प्रभावी होनी चाहिए जैसा कि केंद्रीय सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों के मामले में होता है जिनका वेतनमान हर पांच साल में संशोधित होता है."छठा केंद्रीय वेतन आयोग एक जनवरी 2006 से, पांचवा एक जनवरी 1996 और चौथा वेतन आयोग एक जनवरी 1986 को लागू हुआ था.

Posted By: Satyendra Kumar Singh