उज्‍जवला योजना को मटियामेट होते देख सरकर ने हर महीने एलपीजी के रेट बढ़ाने का अपना फैसला वापस ले लिया है। जून 2016 में सरकार ने हर महीने 4 रुपये एलपीजी पर बढ़ाने का आदेश दिया था। सरकार की योजना थी कि ऐसा करके चरणबद्ध तरीके से एक टाइम पर सब्सिडी को पूरी तरह खत्‍म कर दिया जाएगा। दरअसल सरकार के इस फैसले से गरीबों को सस्‍ता एलपीजी उपलब्‍ध कराने की योजना को धक्‍का पहुंच रहा था।


अक्टूबर को ही वापस ले लिया गया आदेशएक सूत्र ने बताया कि सरकार ने यह आदेश अक्टूबर में ही वापस ले लिया था। यही वजह है कि अक्टूबर के बाद से सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने एलपीजी के रेट में बढ़ोतरी नहीं की है। सरकार ने 1 जुलाई, 2016 से इन कंपनियों को हर महीने बिना वैट के 2 रुपये प्रति महीने 14.2 किलो के हर एलपीजी सिलेंडर पर बढ़ाने की मंजूरी दी थी।केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के बाद इन लोगों को नहीं मिलेगी गैस सब्सिडीउज्जवला योजना पर पड़ रहा था उल्टा असर
दरअसल सरकार को यह फैसला इसलिए वापस लेना पड़ा क्योंकि इससे उज्जवला योजना पर उल्टा असर पड़ रहा था। चूंकि सरकार इस योजना के तहत गरीबों को सस्ते रेट पर एलपीजी उपलब्ध कराना चाह रही थी जबकि हो इसका उल्टा रहा था। ग्राहकों को एलपीजी बाजार मूल्य पर खरीदना पड़ता है जबकि सब्सिडी उनके खाते में बाद में आती है। सरकार के इस फैसले से बाजार मूल्य वाले एलपीजी पर काफी असर पड़ रहा था। पिछले 17 महीनों में 19 किस्तों में एलपीजी के रेट में 76.5 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।ये किसान 400 रुपये में भरेगा LPG सिलेंडर, गांव में ही बनाई सस्ती गैस

Posted By: Satyendra Kumar Singh