- एचआरडी मिनिस्टर ने 2 वर्ष में बिल्डिंग कंप्लीट कराने की घोषणा की

- सीएम ने 55 करोड़ से पानी, बिजली सड़क बनाने की घोषणा की

श्रीनगर,

उत्तराखंड़ में दस वर्ष पहले मिली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एनआईटी के लिए परमानेंट बिल्डिंग की सैरटडे को गवर्नर बेबीरानी मोर्या ने पौड़ी जिले में श्रीनगर से 29 किमी दूर सुमाड़ी में नींव रखी। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और एचआरडी मिनिस्टर डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। सुमाड़ी में एनआईटी कैंपस तैयार करने के लिए करीब 1 हजार करोड़ रूपए की डीपीआर बनाई गई है। यह बिल्डिंग दो से तीन वर्ष के बीच बनकर तैयार होगी। तब तक श्रीनगर में एनआईटी के लिए फ्रेब्रिकेटेड अस्थायी बिल्डिंग बनाई जा रही है, जो कुछ ही माह में तैयार हो जाएगी और नेक्स्ट सेशन से उसमें क्लास चलेंगी। फिलहाल यहां से एनआईटी के स्टूडेंट्स को जयपुर शिफ्ट करना पड़ा था।

सीएम ने कहा कि श्रीनगर उत्तराखंड का केन्द्र बिन्दु है। तमाम शैक्षणिक संस्थाएं, मेडिकल कॉलेज और आने वाले समय में यहां रेल भी पहुंचने वाली है। आल वेदर रोड़ एवं रेल का काम तेजी से चल रहा है। हमारी कोशिश है कि वर्ष 2024-25 तक रेल कर्णप्रयाग तक पहुंच जाए। 80 प्रतिशत रेलवे लाईन टनल के अन्दर है। श्रीनगर के पास तथा अनेक स्थानों पर टनल निर्माण का कार्य अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में श्रीनगर में रेलवे स्टेशन बनेगा जिससे श्रीनगर का विकास होगा। उद्योगों की स्थापना होगी। यहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के सामने एक मौका है जिससे हम अपने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कर सकेंगे। सीएम ने पीएम का अभार प्रकट कर कहा कि उत्तराखंड को कनेक्टिविटी और इन्फ ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए उन्होंने अनेक तोहफे दिये हैं। चाहे वह रेल सेवा हो, हवाई सेवा हो या रोड कनेक्टिविटी हो, उत्तराखंड शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बन चुका है। उत्तराखंड में तमाम उच्च शैक्षणिक संस्थान खुले हैं। देहरादून में सीपेट में अध्ययन शुरू हो चुका है जबकि नेशनल लॉ युनिवर्सिटी भी यहां स्थापित की जा रही है।

2 साल वर्ष में पूरा किया जाएगा काम:।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस भवन निर्माण का कार्य 2 साल के अन्दर पूर्ण किया जायेगा। परिसर बनने के बाद दुनियाभर से स्टूडेंट यहां अध्ययन के लिए आयेंगे। हमारा सौभाग्य है कि आज यहां पर एनआईटी का भूमि पूजन व शिलान्यास हो रहा है। एनआईटी से अनेक प्रतिभाशाली छात्र निकल रहे हैं। यहां के छात्र प्रशासनिक, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यहां हम एनआईटी के साथ केन्द्रीय विद्यालय भी बनायें। ताकि यहां के बच्चे यहीं अध्ययन कर सकें। सुमाड़ी में एनआईटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने अनेक प्रयास किये। कार्यक्रम में प्रदेश के केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत,सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, तीरथ सिंह रावत, विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, भरत चौधरी,धन सिंह नेगी, विनोद कण्डारी, दिलीप रावत, मुन्नी देवी शाह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, निदेशक एनआईटी श्यामलाल सोनी भी मौजूद रहे।

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1000 करोड़ की डीपीआर एनआईटी सुमाड़ी की बिल्डिंग के लिए बनाई गई

55 करोड़ से राज्य सरकार पानी,बिजली,सड़क की सुविधा विकसित करेगी

1500 स्टूडेंट्स की कैपेसिटी वाली बिल्डिंग फ‌र्स्ट फेज में तैयार की जाएगी।

26 किमी दूर है श्रीनगर से खिरसू वाले रास्ते पर सुमाड़ी गांव

2 वर्ष में बिल्डिंग तैयार करने का लक्ष्य

1 केन्द्रीय विद्यालय की घोषणा भी एचआरडी मिनिस्टर ने की

50 प्रतिशत बच्चे केवी में स्थानीय गांवो के भी पढ़ेंगे

10 वर्ष से था इस दिन का इंतजार:

उत्तराखंड़ को एनआईटी का तोहफा दस वर्ष पहले मिला था, तब निशंक ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.तब से अब तक यहां स्थायी बिल्डिंग नहीं बन पाने के चलते पिछले वर्ष स्टूडेंट्स को जयपुर शिफ्ट करना पड़ा था। एनआईटी शिफ्ट होने की नौबत आ गई थी। सीएम और स्टेट के हायर एजुकेशन मिनिस्टर धन सिंह रावत ने दिल्ली तक भागदौड़ शुरू की। इसी बीच केन्द्र में रमेश पोखरियाल निशंक को एचआडी मिनिस्ट्री का जिम्मा मिला। संयोग अच्छा बना और एनआईटी के लिए स्थायी बिल्डिंग बनाने की मंजूरी मिल गई।

2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा।

गर्वनर बेबी रानी मौर्या ने कहा कि एक ऐसे संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ है जिसकी वषरें से प्रतीक्षा थी। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कायरें की निरन्तर निगरानी जरूरी है। ताकि निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो। इसके लिए सरकार को प्रबंधन एवं शिक्षकों को मेहनत से कार्य करना होगा। उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वषरें से एनआईटी का स्थाई कैंपस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा।

लैंडस्लाइड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन

गर्वनर ने खुशी जताई की एनआईटी ने पर्वतीय क्षेत्रों के सन्दर्भ में लैंडस्लाईड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका वृद्धि विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े विषयों का तकनीकी समाधान भी इस संस्थान की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। एनआईटी जैसे संस्थानों का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है। लेकिन यह टेक्नोलॉजी सस्ती व सुलभ होनी चाहिए। किसी भी खोज व अविष्कार का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को हिमालय क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विषयों पर शोध व अनुसंधान करना चाहिए। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा।

पानी,बिजली,सड़क राज्य सरकार देगी:

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। लेकिन प्रधानमंत्री ने डॉ। रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी तो सबके मन से यह संशय हट गया था। इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। 5 करोड़ रूपये आकस्मिक निधि से रिलीज कर दिये हैं। एनआईटी के लिए आन्तरिक सड़कों के लिए खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। एनआईअी के लिए बिजली के लिए अलग से सुविधा दी जायेगी। जिस पर लगभग 30 करोड़ रूपये का खर्चा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था एनआईटी के निर्माण में तेजी से कार्य करे, राज्य सरकार द्वारा धनराशि देने में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा।

रेल सड़क की सुविधाओं से जुड़ेगा श्रीनगर

Posted By: Inextlive