केंद्र सरकार ने पांच राज्यपालों के नाम तय कर मंजूरी के लिए लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेज दी है. इस लिस्ट में केसरीनाथ त्रिपाठी राम नाइक व बलरामजी टंडन का नाम शामिल है.


कहां कि संभालेंगे जिम्मेदार
केंद्र सरकार ने नए राज्यपालों के नाम पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास राज्यपाल बनाने के लिए पांच नाम भेजे हैं. बताया जा रहा है कि राज्यपाल की दौड़ में तीन पूर्व नौकरशाह भी शामिल हैं. सरकार ने नए राज्यपाल के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री राम नाईक, उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर केसरी नाथ त्रिपाठी, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री बलरामजी दास टंडन और दिल्ली में बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा के नाम भेजे हैं. इससे पहले मोदी सरकार ने शुक्रवार को पुडुचेरी के उप-राज्यपाल (एलजी) वीरेंद्र कटारिया को बर्खास्त कर दिया था. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने यूपीए-2 के शासनकाल में नियुक्त किए गए राज्यपालों के विरुद्ध ऐसी पहली कार्रवाई की है. मिजोरम से ट्रांसफर किए जाने से नाराज नागालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी. पुरुषोत्तमन ने भी पद से इस्तीफा दे दिया. अंडमान व निकोबार के उप-राज्यपाल अजय कुमार सिंह, पुडुचेरी के एलजी की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सदस्य कटारिया को जुलाई, 2013 में पुडुचेरी का उप-राज्यपाल बनाया गया था.राज्यपाल की मर्यादा का अपमान


86 वर्षीय पुरुषोत्तमन ने बताया कि उनके सचिव ने उनका इस्तीफा राष्ट्रपति भवन भेज दिया है. केंद्र में 26 मई को एनडीए सरकार के सत्ता संभालने के बाद से अब तक छह राज्यपाल इस्तीफा दे चुके हैं. पुरुषोत्तमन ने इस्तीफे में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं उठाया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्यपालों से जिस तरह का सलूक हो रहा है वो ठीक नहीं है. राज्यपाल संवैधानिक प्राधिकार हैं. अन्य किसी सरकारी अधिकारी की तरह उनका ट्रास्फर निहायत ही अनुचित है. केरल में यूडीएफ सरकार में अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके और दो बार कांग्रेस सांसद रहे पुरुषोत्तमन ने कहा कि मुझे लगता है कि राज्यपाल की मर्यादा का अपमान हुआ है. गृह सचिव द्वारा कथित तौर जिस तरह यूपीए कार्यकाल के कुछ अन्य राज्यपालों को पद छोड़ने के लिए कहा गया उस पर उन्हें गंभीर आपत्ति है. एक सचिव कैसे राज्यपाल को कॉल कर इस्तीफे के लिए कह सकता है? केरल विधानसभा के अध्यक्ष रहे पुरुषोत्तमन ने कहा कि वो कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति में वापसी करेंगे लेकिन चुनावी पद नहीं चाहते हैं.कौन-कौन दे चुका है इस्तीफा

छह जुलाई को फेरबदल में गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का ट्रांस्फर मिजोरम कर दिया गया था, जबकि पुरुषोत्तमन का ट्रांस्फर नगालैंड किया गया था. उन्हें त्रिपुरा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था. बेनीवाल ने मिजोरम के 12 वें राज्यपाल के रूप में बुधवार को पद ग्रहण कर लिया है. पुरुषोत्तमन के पहले बीएल जोशी (उत्तर प्रदेश), शेखर दत्त (छत्तीसगढ़), अश्वनी कुमार (नागालैंड), एमके नारायणन (वेस्ट बंगाल) व बीवी वांचू (गोवा) राज्यपाल पद से इस्तीफा दे चुके हैं. राजस्थान की राज्यपाल मारग्रेट अल्वा का कार्यकाल करीब एक माह ही बचा हुआ है. अल्वा को गुजरात के राज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है जबकि बिहार के राज्यपाल डीवाई पाटिल पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का भी काम देख रहे हैं.

Posted By: Subhesh Sharma