भारतीय माइक्रोब्लाॅगिंग वेबसाइट कू पर अब नाइजीरियाई सरकार ने भी अपना अफिशल अकाउंट बना लिया है। वहां की सरकार का पिछले कुछ समय से टि्वटर के साथ विवाद चल रहा था। जिसके बाद अफ्रीकी देश ने भारत की सोशल मीडिया वेबसाइट पर अकाउंट बनाने का निर्णय लिया।

नई दिल्ली (पीटीआई)। कू ने गुरुवार को कहा कि नाइजीरिया सरकार ने भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर एक अफिशल अकाउंट बनाया है। वहां की सरकार के कू पर आने की वजह टि्वटर के साथ विवाद है। पिछले हफ्ते, नाइजीरियाई सरकार ने अपने देश में अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कू पर एक पोस्ट में कहा, "नाइजीरिया सरकार का आधिकारिक हैंडल अब कू पर है!"

संस्थापक ने दी जानकारी
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने ट्विटर पर भी जानकारी साझा करते हुए कहा: "नाइजीरिया सरकार के आधिकारिक हैंडल @kooindia पर बहुत गर्मजोशी से स्वागत है! यह अब भारत से बाहर पंख फैला रहा है”। पिछले हफ्ते, नाइजीरियाई सरकार ने कहा था कि वह ट्विटर को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर रही थी क्योंकि कंपनी ने एक विवादास्पद ट्वीट को हटा दिया था जो राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने एक अलगाववादी आंदोलन के बारे में किया था। इसके बाद, कू ने कहा था कि उनकी साइट नाइजीरिया में भी उपलब्ध है और वह उस देश में यूजर्स के लिए नई स्थानीय भाषाओं को जोड़ने का इच्छुक है।

A very warm welcome to the official handle of the Government of Nigeria on @kooindia! Spreading wings beyond India now. 🙂 @mayankbidawatka pic.twitter.com/9ufSOKI7sd

— Aprameya R (@aprameya) June 10, 2021

नाइजीरिया में भी छाया कू
राधाकृष्ण ने एक साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, "अब नाइजीरिया में माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक अवसर है कू ऐप में स्थानीय नाइजीरियाई भाषाओं को पेश करने पर विचार कर रहा है।" उन्होंने नोट किया था कि मंच नाइजीरियाई बाजार में प्रवेश करने के लिए उत्सुक है, और यह कि कू प्रत्येक देश के स्थानीय कानूनों का पालन करेगा जिसमें वह संचालित होता है। कू ने पहले कहा है कि उसने पिछले महीने लागू किए गए भारत के आईटी नियमों का पहले ही पालन कर लिया है, और उसने इस मुद्दे पर सरकार द्वारा मांगी गई आवश्यक जानकारी साझा की है।

कू की लोकप्रियता बढ़ी
राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका द्वारा स्थापित, कू को पिछले साल लॉन्च किया गया था ताकि यूजर्स खुद को व्यक्त कर सकें और भारतीय भाषाओं में मंच पर जुड़ सकें। यह हिंदी, तेलुगु और बंगाली सहित कई भाषाओं को सपोर्ट करता है। भारत में कू की लोकप्रियता ट्विटर के साथ हाल ही में हुए विवाद के बाद बढ़ी है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari