- ब्रिटिश कालीन स्कूल को धरना स्थल कर रहा प्रभावित

- परेड ग्राउंड स्थित प्राइमरी और मिडिल स्कूल में पठन-पाठन प्रभावित

- लगातार गिर रही स्कूल की स्ट्रेंथ, आए दिन धरना-प्रदर्शनों से बच्चे परेशान

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देहरादून,

सिटी की प्राइम लोकेशन परेड ग्राउंड से सटे ब्रिटिश काल के गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल के स्टूडेंट्स का बचपन धरना प्रदर्शन, रैली और मेलों के बीच पिस रहा है. स्कूल के पास ही धरना स्थल है, जहां आए दिन प्रदर्शन होते हैं, परेड ग्राउंड में ही अक्सर राजनैतिक रैलियां और जनसभा आयोजित होती हैं, समय-समय पर लगने वाले मेलों के लिए भी सिटी में यही एकमात्र बड़ा मैदान है. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को डिस्टर्बेस होता है. कई बार बड़े आयोजनों के दौरान स्कूल का शेड्यूल तक बदलना पड़ जाता है.

एक कैंपस में दो स्कूल

परेड ग्राउंड में धरना स्थल के ठीक पीछे दो गवर्नमेंट स्कूल संचालित हो रहे हैं. इनमें एक प्राइमरी जिसकी स्थापना आजादी से पहले 1942 में हुई थी, दूसरा मिडिल स्कूल है जो 1966 में खोला गया.

स्कूल से सटा धरना स्थल

परेड ग्राउंड में ही सरकार की ओर से धरना स्थल बनाया गया है, इससे यहां आए दिन धरना प्रदर्शन और रैलियों का हुड़दंग होता है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. कई बार मामला बढ़ जाए और रैली, प्रदर्शन के दौरान विवाद हो जाए तो बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगते हैं.

राजनीति का अड्डा परेड ग्राउंड

परेड ग्राउंड राजनैतिक रैलियों और जनसभाओं का भी आयोजन स्थल है. अक्सर राजनीतिक दलों की बड़ी जनसभाएं यहीं आयोजित की जाती हैं. स्कूल के बगल में ही समाजवादी पार्टी का प्रदेश कार्यालय है वहीं बीजेपी का महानगर कार्यालय भी है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है.

मेले-उत्सव भी यहीं

सालभर आयोजित होने वाले कई मेले-उत्सव के लिए भी परेड ग्राउंड का ही सिलेक्शन किया जाता है. कई क्राफ्ट मेले, किसान मेलों का यहां आयोजन होता है. इस दौरान कल्चरल प्रोग्राम भी होते हैं. ये भी बच्चों की पढ़ाई में बाधक बनते हैं.

जीरो जोन से बचाए कौन

अक्सर वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान परेड ग्राउंड को जीरो ट्रैफिक जोन बना दिया जाता है. ऐसे में परिजनों को बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बड़े आयोजनों के दौरान स्कूल का शेड्यूल तक बदलना पड़ता है.

घट रही स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ

ब्रिटिश काल का यह स्कूल सिर्फ स्कूल नहीं हैरिटेज भी है. लेकिन, आए दिन डिस्टर्बेस के चलते यहां स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ गिरने लगी है. जहां एक ओर गवर्नमेंट स्कूलों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव आयोजित हो रहे हैं, वहीं इन दो स्कूलों की ओर किसी का ध्यान नहीं है. लिहाजा पैरेंट्स अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन दिलाने को मजबूर हैं.

ऐसे गिर रही स्ट्रेंथ

प्राइमरी स्कूल

2019-20 - 45

2018-19 -50

2017-18- 70

15 वर्ष में 90 परसेंट गिरी स्ट्रेंथ

यही हाल मिडिल स्कूल का भी है, यहां 2004 में 250 बच्चे एनरोल्ड थे, जबकि चालू एजुकेशनल सेशन में स्टूडेंट्स की संख्या 25 ही रह गए हैं.

वैल फर्निश्ड स्कूल से मोहभंग

परेड ग्राउंड स्थित प्राइमरी और मिडिल दोनों स्कूल वैल फर्निश्ड हैं. क्लास रूम अच्छी कंडिशन में हैं और सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं. लेकिन, शोर-शराबा और आए दिन रैली प्रदर्शनों के कारण पैरेंट्स का इन स्कूलों से मोहभंग हो रहा है. स्टूडेंट यहां से पलायन को मजबूर हैं.

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परेड ग्राउंड स्थित प्राइमरी स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए हैरिटेज से कम नहीं है. स्कूल के आस-पास काफी गतिविधियां होती हैं, ऐसे में पठन-पाठन प्रभावित तो होता ही है.

आशारानी पैन्यूली, सीईओ

Posted By: Ravi Pal