-एन्टी करप्शन टीम ने शिकायत पर की कार्रवाई, विकास भवन स्थित गन्ना समिति में तैनात है आरोपी

-चुनाव के विजेता को प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर मांगी थी रिश्वत

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KANPUR : हरबंश मोहाल में सोमवार को एन्टी करप्शन टीम ने रिश्वत मांगने वाले एक अधिकारी को रंगेहाथ दबोच लिया। उसने महिला जनता उपभोक्ता सहकारी समिति का चुनाव जीतने वाले केंडीडेट को प्रमाण पत्र देने के नाम पर पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। एन्टी करप्शन की टीम ने उसके कब्जे से रिश्वत के रुपए भी बरामद कर लिए। जिसके बाद उसको हरबंश मोहाल थाने की पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

क्ख् दिसंबर को हुए थे चुनाव

विकास भवन में गन्ना समिति में तैनात सुरेन्द्र कुमार सिंह इस समय सहकारी समिति के सचिव का काम देख रहे हैं। उनकी देखरेख में ख्9 नवंबर को महिला जनता उपभोक्ता सहकारी समिति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी। क्ख् दिसंबर को चुनाव सम्पन्न हो गया। जिसके विनर केंडीडेट को सचिव सुरेंद्र को प्रमाण पत्र जारी करना था। विनर केंडीडेट ने सुरेंद्र से प्रमाण पत्र मांगा तो उसने केंडीडेट से भ् हजार रुपए की डिमाण्ड कर दी।

सीओ ने बिछाया जाल

केंडीडेट ने रुपए देने से मना किया तो सचिव ने उसे प्रमाण पत्र न देने की धमकी दी। जिससे परेशान केंडीडेट ने एन्टी करप्शन सेल में शिकायत की तो सीओ निहारिका शर्मा ने उनको पकड़ने के लिए जाल बिछाया। सीओ ने केंडीडेट के जरिए सुरेंद्र को रुपए देने के लिए सेंट्रल स्टेशन के पास बुलाया। सुरेंद्र समय से तय जगह पर पहुंच गया। केंडीडेट ने जैसे ही उसे रुपए दिए, एन्टी करप्शन की टीम ने उसको रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम ने उसके कब्जे से पांच हजार रुपए बरामद कर लिए। सीओ ने सुरेंद्र को गिरफ्तार कर हरबंश मोहाल पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

पहले भी कर चुका है पैसे की मांग

विकास नगर में रहने वाले श्याम मोहन ने बताया कि सुरेंद्र पहले भी प्रमाण-पत्र देने के नाम पर एक व्यक्ति से पैसे मांग चुका है। जिसके बाद उसने विकास भवन के बाहर हंगामा किया था, लेकिन उस समय मामला दबा दिया गया था। इसके पहले भी कई बार उसके इस बर्ताव के लिए बवाल हो चुका है, लेकिन इस बार मामला थमा नहीं और वो रंगे-हाथ पकड़ा गया।

ऊपर तक जाता है पैसा

पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए सचिव ने बताया कि घूस का पैसा इकट्ठा होता है फिर ये पैसा ऊपर तक पहुंचाया जाता है। उसने बताया कि वो तो सिर्फ एक छोटा मोहरा है। बडे़ मोहरों तक कोई नहीं पहुंच पाता है, क्योंकि उनकी पकड़ काफी दूर तक है। पुलिस का कहना है कि विकास भवन के आसपास दलालों का जमावड़ा रहता है। इन्हीं दलालों की मदद से कई कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं। इनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए भी पुलिस ने जाल बिछा दिया है।

Posted By: Inextlive