- कैंपियरगंज हाट शाखा से संचालित हो रही हैं 93 कोटे की दुकानें

CAMPIERGANJ: गरीबों के लिए बनाई गई सरकार की खाद्य वितरण प्रणाली योजना की कैंपियरगंज क्षेत्र में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पता चला है कि पात्रों को मिलने वाला राशन जहां प्रधान पर्ची बनाकर अपने चहेतों को बंटवा दे रहे हैं। वहीं, कोटेदार भी गल्ला माफियाओं से मोटी कमाई में लगे हुए हैं। कई पात्रों को तो अब तक बीपीएल कार्ड तक नहीं दिलाए गए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक ये खेल कैंपियरगंज हाट शाखा से संचालित होने वाली 93 कोटे की दुकानों पर चल रहा है।

सूची ही नहीं की जारी

छह माह पहले सप्लाई विभाग ने खाद्य अधियम के तहत एक सूची प्रत्येक पंचायत भवन पर लगाई थी। उस समय विभाग ने कोटेदारों और प्रधानों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि गांव में खुली बैठक करा पात्रों का चयन कर कार्यालय में सूची जमा कर दें। इसके बावजूद अभी तक पता नहीं चल सका कि सूची में किन लोगों के नाम हैं। इस संबंध में ग्राम विकास अधिकारी आदित्य सिंह और प्रांतीय प्रतिनिधि ग्राम विकास अधिकारी संघ का कहना है कि सिर्फ आदेश आया। इसकी सूची काफी देर से मिली है। जल्द ही गांवों में बैठक की जाएगी। इसमें सूची का सत्यापन कर पात्रों का चयन किया जाएगा। ग्रामीणों का आरोप है कि सूची दबाने का मुख्य कारण है कि कोटेदार और प्रधान अपनी मर्जी के मुताबिक अधिक से अधिक गल्ला राशन माफियाओं को बेच सकें।

सभी बीपीएल कार्ड पात्रों की सूची बन गई है। उनका आधार कार्ड लिंक होने पर पुन: राशन वितरण सुचारू रूप से चलने लगेगा। सभी खंड विकास अधिकारियों को खुली बैठक कर पात्रों का चयन कर सूची जारी करने का निर्देश दे दिया गया है।

- शैलेंद्र कुमार, एआरओ

Posted By: Inextlive