क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाने की परंपरा की शुरू की है, जो मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. एक बार फिर सोमवार को राज हॉस्पिटल से एक मरीज को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर महज चार मिनट में एयरपोर्ट पहुंचाया गया. इसके बाद मरीज को एयर एंबुलेंस से इलाज के लिए बाहर ले जाया गया. यही वजह है कि पिछले दो महीने में आधा दर्जन से अधिक लोगों को ग्रीन कॉरिडोर का लाभ मिल चुका है और कई लोगों की जान भी बच गई है. इस कैंपेन में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी सपोर्ट करने में पीछे नहीं हैं. वहीं ट्रैफिक पुलिस के जवान कट होने के बावजूद इसमें कोई बाधा उत्पन्न नहीं होने दे रहे हैं.

अप्रैल 2017 में शुरुआत

सिटी में एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की योजना ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह ने अप्रैल 2017 में शुरू की थी. उस समय 24 अप्रैल को बूढ़ा पहाड़ के नक्सली अभियान में घायल जवानों को रांची एयरपोर्ट से मेडिका हॉस्पिटल तक 19 मिनट में पहुंचाया गया था.

.....

कब-कब बना ग्रीन कॉरिडोर

4 फरवरी: पहली बार राजधानी में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. जहां डेढ़ साल की खुशी को रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल से 11 मिनट में एंबुलेंस से एयरपोर्ट पहुंचाया गया था.

11 फरवरी: ट्रैफिक पुलिस ने दूसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लीवर सिरोसिस से ग्रसित रवींद्र नाथ तिवारी को 13 मिनट में मेडिका से एयरपोर्ट पहुंचा दिया.

23 फरवरी: ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए ट्रैफिक पुलिस ने 76 साल के नारायण प्रसाद मोदी को मेडिका से एयरपोर्ट मात्र 16 मिनट में पहुंचा दिया. 17 किमी की दूरी तय करने में 16 मिनट का समय लगा.

17 मार्च: 2 साल की बच्ची को एंबुलेंस से रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल से एयरपोर्ट पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इसमें रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल से एंबुलेंस मात्र 12 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचा.

18 मार्च: ट्रैफिक पुलिस ने एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंभीर मरीज संतोष कुमार गोयनका को आर्किड हॉस्पिटल से 9 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचाया. 9 मिनट में दस किलोमीटर का सफर तय किया.

वर्जन

हमारी कोशिश है कि कोई भी गंभीर मरीज है तो उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा जाए. इससे बिना किसी रुकावट के मरीज को एंबुलेंस से एयरपोर्ट या फिर हॉस्पिटल ले जाया जा सके. इसके अलावा कहीं भी एंबुलेंस देखने पर सिग्नल को ग्रीन करने का आदेश दिया गया है, ताकि जाम की वजह से किसी को दिक्कत न हो.

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची

Posted By: Prabhat Gopal Jha